बैरिया मध्याहन भोजन योजना का सैकड़ों क्विंटल अनाज ठेकेदार और विभागीय अधिकारी हजम कर गए। बच्चे अनाज की राह तकते रह गए। हाकिमों ने भी इस पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा।
विकासखंड मुरली छपरा, वरिया और रेवती आशिक के परिषदीय विद्यालयों के एमडीएम की हकीकत यह है मार्च से जून तक का अनाज बच्चों को देना था इसे कहीं नही दिया गया है।
जुलाई में संबंधित ठेकेदार कुछ कोटेदारों से सांठगांठ कर प्रस्ताव बनाया कि अधिकारियों को संतुष्ट करना, हमलोगों की जिम्मेदारी है। जहां बात बन गई, वहां एमडीएम का अनाज दे दिया गया जहां बात नहीं बनी, वहां अभी तक एमडीएम का
अनाज नहीं पहुंच पाया है। ठेकेदार और संबंधित कर्मचारी कह रहे कि एमडीएम का अनाज तीन महीने का लैप्स हो गया।
प्राथमिक विद्यालय सोनकी भाट, प्राथमिक विद्यालय धतूरी टोला प्राथमिक विद्यालय कक्कन टोला, जूनियर हाईस्कूल सोनकी भाट सहित क्षेत्र के सैकड़ों परिषदीय विद्यालयों में अनाज नहीं दिया गया है। कोटेदार विपणन गोदाम सप्लाई ऑफिस और ठेकेदारों के चक्कर लगा रहे हैं। उन्हें भी डरा धमका कर
चुप कराने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं। वैसे में बच्चों के निवाले पर खुली लूट की चर्चा सर्वत्र हो रही है।
इस संदर्भ में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कोई तथ्यपरक बात नहीं बता रहा है कि आखिर क्यों बच्चों का तीन महीने का अनाज उन्हें नहीं दिया गया। लैप्स हुआ तो किसकी गलती से उस पर क्या कारवाई की जाएगी।