ललितपुर प्राथमिक विद्यालय कुअतला की शिक्षिका नेहा जैन अजीज ने शनिवार को अर्रा के बीजों से बच्चों को पेंटिंग बनवाई। उन्होंने बताया कि ये बीज एक ऐसे पौधे से प्राप्त होता है, जिसकी पत्तियां करी को खिलाने के लिए प्रयुक्त की जाती हैं। बीजों से निर्मित प्राकृतिक छटा बिखेरती ये पेंटिंग अद्भुत सौंदर्य से परिपूर्ण हैं।
बच्चों ने बीजों से बतख, पौधे, समुद्र, आसमान का चित्रण किया। पेंटिंग में बजरी रेत में मिलने वाले छिपनी, शंख का प्रयोग भी किया गया है। बच्चों को बताया गया कि किस तरह अनुपयोगी समझी जाने वाली चीजों से सुंदर कलाकृति बन सकती है
इससे पहले शिक्षिका नेहा ने खाली बोतलों, तेल, पाउडर, क्रोम, सब्जी, डियो आदि व्यर्थ समझे जाने वाले के खाली डिब्बों ढक्कन दिया मिट्टी, पत्थर, गिट्टी, मूंगफली के छिलकों, माचिस के खाली डिब्बों, कागज, नारियल जटा, गत्ता इमली बीज, सुतली, टाइल्स के टुकड़ों, खजूर के पत्ते, टूटी चूड़ियों से विभिन्न प्रकार की कलाकृति बनाई है। शिक्षिका विद्यालय के बच्चों को हुनरमंद बनाकर उनमें सृजनात्मकता का विकास करती और कल्पनाशीलता को बढ़ाती है।