बिधूना सब पढ़े सब बढ़े के सपने को जिले के जिम्मेदार पलीता लगा रहे है। विधूना विकास खंड का गपचरियापुर स्कूल इसकी बानगी है। इस स्कूल पर पिछले डेढ़ माह से ताला लटक रहा है। अनाक स्तरीय अधिकारी जिले के अफसरों को गुमराह किए रहे। यही कारण रहा कि आज तक स्कूल नहीं खुला और न ही किसी की तैनात हो सकी। नतीजतन बच्चों का दाखिला नहीं हो सका। बीएसए भी स्कूल बंद चलने की जानकारी न होने की बात कह रहे हैं।
जिले में स्कूल चलो अभियान, शारदा अभियान के तहत बच्चों का स्कूलों में प्रवेश कराने और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए खूब शिदोरा पीटा गया। प्रेरणा पोर्टल से शिक्षकों की उपस्थिति जांची गई. इसके बाद भी इस स्कूल पर जिम्मेदारों की नजरें नहीं पड़ीं। यह साल विभाग के सिस्टम को कटघरे में खड़ा करता है।
पूर्व माध्यमिक स्कूल गपचरियापुर में तैनात शिक्षक अरविंद कुमार मार्च -2022 से बीमार चल रहे हैं और इसलिए चिकित्सकीय अवकाश पर है। पिछले वर्ष इस स्कूल में कक्षा एक से आठ तक 32 बच्चे पंजीकृत थे नए सत्र में 16 जून से स्कूल खुला तो तीन-चार दिन के लिए संवाद स्कूल के शिक्षक बाबूराम आए, लेकिन फिर उन्होंने भी आना बंद कर दिया। इसके पीछे कारण बताया कि उन्हें स्पष्ट आदेश नहीं मिला और न ही उन्हें संबद्ध किया गया। ग्रामीण बताते हैं कि 20 जून के बाद से यह स्कूल बंद चल रहा है। कई बार अभिभावक अपने बच्चों के प्रवेश के लिए पहुंचे तो ताला लटकता मिला। हालात यह है कि स्कूल में बड़ी-बड़ी घास उग आई और कोई कुछ बताने वाला नहीं है। मजबूर गांव के लोगों ने अपने बच्चों का दाखिला दूसरे स्कूलों में कराया। वहीं गरीब और निजी स्कूलों का खर्च न वहन करने वाले बच्चे दाखिले से वांचत है। सर्व शिक्षा अभियान की हकीकत को लेकर ग्रामीणों में रोष है।