23 अगस्त को बुलाई गई बैठक, नियमावली में संशोधन और शिक्षकों की भर्ती के लिए एमटीईटी (मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा) पर होगा फैसला
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त और अनुदानित मदरसों में शिक्षकों की भर्ती पर चल रहे विवाद में आखिरकार शासन को दखल देना पड़ा। इस बाबत शासन के उपसचिव शकील अहमद सिद्दीकी की ओर से परिषद के रजिस्ट्रार को एक पत्र भेजा गया है।निर्देश दिए गए हैं कि अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा नियमावली में संशोधन के लिए इससे संबंधित सभी हितधारकों और उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद के प्रतिनिधियों की एक बैठक आहूत की जाए। बैठक में हितधारकों और प्रतिनिधियों से उनका अभिमत प्राप्त कर प्रस्ताव 15 दिन में शासन को उपलब्ध करवाया जाए।बताते चलें कि पिछले दिनों मदरसा शिक्षकों की भर्ती के लिए पृथक मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) आयोजित करने की व्यवस्था शुरू करने और उर्दू के जानकार को ही शिक्षक बनाने के बारे में परिषद के चेयरमैन डा.इफ्तिखार जावेद ने बयान दिया था, जिसके बाद परिषद के रजिस्ट्रार का बयान आया कि एमटीईटी के बजाए टीईटी पास शिक्षक भी मदरसे में लिए जा सकते हैं, इसको लेकर कई दिनों तक विवाद चला था।मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने बताया कि यह बैठक 23 अगस्त को पूर्वान्ह 11 बजे लखनऊ के इंदिरा भवन स्थित मदरसा शिक्षा परिषद कार्यालय में बुलाई गई है। इसमें परिषद के प्रतिनिधियों के अलावा बतौर हितधारक शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में मदरसा शिक्षा परिषद की नियमावली में हुए संशोधनों पर विचार होगा जो संशोधन अब अव्यवाहरिक हो गए हैं या जिनकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं उनके बारे में सभी के विचार लिए जाएंगे और फिर जिन बिन्दुओं पर सहमति बनेगी उन पर आधारित विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। उसी प्रस्ताव पर शासन स्तर से कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी।परिषद के चेयरमैन डा.इफ्तिखार जावेद ने बताया कि मदरसा शिक्षकों की भर्ती में बजाए टीईटी के एमटीईटी यानि मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा परिषद द्वारा आहूत किए जाने का बिन्दू महत्वपूर्ण है और इस पर बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मदरसों के बच्चों को आधुनिक विषयों गणित, विज्ञान के साथ धार्मिक शिक्षा भी दिलवाने के लिए गुणवत्तापरक पाठ्यक्रम, शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण, मदरसा कर्मियों की सेवा संबंधी दिक्कतों, मृतक आश्रित आदि के मौजूदा नियमों से पेश आ रही दिक्कतों में संशोधन के बारे में भी निर्णय लिए जाएंगे। प्रदेश में इस वक्थ 560 अनुदानित और 16,500 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। इन मदरसों में बड़ी तादाद में शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति होनी है।