मऊ जिले में संचालित परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक अब विद्यार्थियों के घर-घर जाएंगे बेसिक शिक्षा विभाग ने अगस्त माह से दिसंबर के पहले पखवारे तक शिक्षक-विद्यार्थी संबंध अभियान की कार्ययोजना बनाई है। इसमें शिक्षकों को विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ भावनात्मक संबंध स्थापित करने होंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस आशय का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारियों को जारी किया है।
जिले में 1208 परिषदीय विद्यालय, 94 सहायता प्राप्त 56 समाज कल्याण से संबद्ध विद्यालयों में 1.80 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। परिषदीय तथा सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे विद्यालयोग
वातावरण से सहज हो, इसके लिए उन्हें भावनात्मक रूप से तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है विद्यालयों में विद्यालय प्रबंध समिति का गठन तो किया गया है।
लेकिन नाम मात्र हो अभिभावक भावनात्मक रूप से ही विद्यालय से जुड़ पाते हैं। बच्चों तथा शिक्षकों के बीच कुछ ऐसा ही जुड़ाव बनाने की पहल परिषदीय विद्यालयों में शुरू हो रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए अगस्त माह से दिसंबर के पहले पखवारे तक शिक्षक विद्यार्थी संबंध अभियान की कार्ययोजना तय की है। इसमें शिक्षकों को विद्यार्थियों के घर जाना और अभिभावकों को स्कूल बुलाना जरूरी किया गया है। नए दिशा- निर्देश के तहत शिक्षक बच्चों की जिज्ञासा को दूर करेंगे। समस्याओं को हल करने तथा क्षमता विकास के लिए रचनात्मक माहौल बनाना है। बच्चे विद्यालय व शिक्षक के बीच सार्थक व स्वस्थ संबंध स्थापित करना है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए साप्ताहिक गतिविधियां तय की हैं। मसलन, छात्र-छात्राओं को इस तरह पढ़ाएं कि उन्हें एक टीम के रूप में कार्य करने की जरूरत पड़े। छात्रों के साथ घरेलू सामग्री व स्टेशनरी का उपयोग करके नवाचार करें शिक्षक, विद्यार्थियों के घर का भ्रमण करें। उनके बीच प्रतियोगिताएं कराए, स्कूल में प्रदर्शनी व मेला लगाए, नुक्कड़ नाटक, कहानी आदि रोल प्ले कराएं, पत्र लेखन, कला पेंटिंग आदि कार्य कराएं और उनके माता-पिता से उनको गतिविधि साझा करें शिक्षकों की गतिविधियां प्रेरणा एक्टिविटी माड्यूल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापकों को दी गई है।
शिक्षकों को डायट मैटर एआरपी आदि सहयोग भी करेंगे। अच्छे शिक्षकों की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी उनका मार्गदर्शन भी करेंगे।