झांसी। शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कराने वाले को पुलिस ने आजमगढ़ से पकड़ लिया है। वह विद्यालय संचालक है। उसने 36 लाख रुपये लेकर पांचों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए थे। पुलिस उससे पूछताछ में जुटी हुई है। आरोपी के जरिये फर्जीवाड़े के बड़े रैकेट का खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
जनपद के खड़ौरा, बम्हौरी सुहागी व वीरा गांव में स्थित राजकीय हाईस्कूलों में आजमगढ़ निवासी अमृता कुशवाहा, मैनावती, पंचदेव, रणविजय विश्वकर्मा व नरेंद्र कुमार मौर्य की जुलाई माह में नवीन तैनाती हुई थी। इसके बाद हुई जांच में पांचों के नियुक्ति पत्र फर्जी पाए गए। इस पर पुलिस द्वारा पांचों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके बाद पुलिस ने इस फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड को भी पकड़ लिया है।
जानकारों के अनुसार मास्टर माइंड आजमगढ़ जनपद के लालगंज का रहने वाला है। वहां वह एक विद्यालय का संचालन करता है। पूछताछ में सामने आया कि उसने भर्ती के लिए दो शिक्षकों से छह-छह लाख, एक से सात लाख और दोनों महिलाओं से आठ-आठ लाख रुपये वसूल किए थे। इनमें से रणविजय के हाथ में उसने नियुक्ति पत्र थमाया था और बाकी चारों के नियुक्ति पत्र डाक से भेजे गए थे।
सामने आया कि पकड़े गए पांचों फर्जी शिक्षकों ने शिक्षक बनने के लिए साल 2015 में परीक्षा दी थी। तब पांच हजार शिक्षकों की भर्ती होनी थी, परंतु ढाई हजार ही नियुक्ति पा पाए थे। बाकी का मामला न्यायालय में चला गया था। हाल ही में फर्जीवाड़े के सरगना पांचों आरोपियों के संपर्क में आया था। उसने भरोसा दिया था कि वह नियुक्ति संबंधी केस को रफा-दफा करवा देगा। इसके एवज में उसने रकम वसूली थी। सभी को फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिए थे। पकड़े गए सरगना से पुलिस की पूछताछ जारी है। माना जा रहा है कि उसके जरिये फर्जीवाड़े के बड़े रैकेट का खुलासा हो सकता है। प्रदेश के कई अन्य जनपदों में भी फर्जी शिक्षक पाए जा सकते हैं।