सोनभद्र जिले के घोरावल ब्लॉक का कंपोजिट विद्यालय गुरेठ फिर से चर्चा में है। मिड-डे-मील में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने के मामले में प्रधानाध्यापक का निलंबन हुआ तो शुक्रवार को एक नया वीडियो सामने आ गया। इसमें प्रधानाध्यापक के निलंबन की सूचना की खबर सुन बच्चे अपने आंसू नहीं रोक पाए और फूट-फूटकर रोने लगे। कक्षाओं से बाहर निकलकर भी वह प्रधानाध्यापक से अपना स्नेह जता रहे हैं। प्रधानाध्यापक भी वीडियो में बच्चों को समझाते दिख रहे हैं।
बच्चों के प्रति अपना अटूट प्रेम देख प्रधानाध्यापक समेत अन्य शिक्षक भी भावुक हो गए। वीडियो प्रधानाध्यापक के स्कूल छोड़ते समय का है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लेकर तरह-तरह की चर्चा है
घोरावल क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय गुरेठ में 22 अगस्त को मिड-डे-मील में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने की बात सामने आई थी। अगले दिन गांव के ही कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इसके बाद प्रधान और प्रधानाध्यापक इसके लिए एक-दूसरे को दोष देने लगे।
बीएसए ने जांच कराई तो बीईओ ने प्रथम दृष्टया प्रधानाध्यापक रुद्र प्रसाद और सहायक अध्यापक कुंवर सिंह वैश्य, रमेश कुमार और दीपचंद को दोषी मानते हुए रिपोर्ट बीएसए को सौंपी। इसके आधार पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया। तीनों शिक्षकों को भी नोटिस जारी की गई है।
शुक्रवार को इसी से जुड़ा एक अन्य वीडियो सामने आया। इसमें प्रधानाध्यापक के स्कूल से जाने की खबर पाकर बच्चे कक्षाओं में फूट-फूटकर रो रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। तो दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि विद्यालय में सुनियोजित तरीके से वीडियो बनवाया जा रहा है
प्रधान को जारी हुई नोटिस
बच्चों को मिड-डे-मील में नमक-रोटी परोसने के मामले में पंचायती राज विभाग भी सख्त हो गया है। डीएम के निर्देश पर ग्राम प्रधान रंजना देवी को नोटिस जारी कर पूरे मामले में उन्हें स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। डीपीआरओ विशाल सिंह का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है। प्रधान से जवाब तलब किया गया है।
जांच के लिए विद्यालय पहुंचे थे खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह6 of 6
जांच के लिए विद्यालय पहुंचे थे खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह –
प्रधान पति की दलील, की गई साजिश
ग्राम प्रधान रंजना देवी के पति प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने इस मामले को अपने खिलाफ साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि स्कूल में चल रही मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने निगरानी और सख्ती बढ़ाई तो शिक्षकों ने मिलकर यह साजिश रच दी। बच्चों को लगातार घटिया भोजन दिया जा रहा था। प्रशासन जांच करा ले तो स्थिति साफ हो जाएगी।