बुलंदशहर, परिषदीय स्कूलों में समायोजन के आदेश आने के बाद शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है। जिले में 400 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जो सरप्लस के दायरे में आ रहे हैं। सबसे ज्यादा सिकंदराबाद ब्लॉक में सरप्लस शिक्षक हैं। आदेश आने के बाद विभाग ने सरप्लस शिक्षकों का डाटा निकालना शुरू कर दिया है मानव संपदा पोर्टल से शिक्षक और छात्रों के बीच का अनुपात देखते हुए विभाग शिक्षकों का समायोजन करेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों का प्रत्येक वर्ष समायोजन होता है। इसमें जिन स्कूलों में कम बच्चों पर ज्यादा शिक्षक हैं उन्हें वहां से हटाकर ऐसे स्कूलों में भेजा जाता है, जिनमें छात्र संख्या ज्यादा होगी। बताया गया कि 30 अप्रैल वर्ष 2022 की छात्र संख्या पर शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा।
वहीं, समायोजन के आदेश आने के बाद एकल स्कूलों को भी पूरे शिक्षक मिल जाएंगे। जिले में 30 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें एक या दो शिक्षक हैं जबकि छात्र संख्या ज्यादा है। बीएसए ने बताया कि शासन से जो गाइड लाइन है उसी के अनुरूप शिक्षकों का समायोजन किया जाएग। डीएम की अध्यक्षता में जो कमेटी होगी वह इस पर निर्णय लेगी.
चार ब्लॉकों में सबसे ज्यादा शिक्षक
चार ब्लॉक सिकंदराबाद, बीबीनगर, स्याना, गुलावठी व बुलंदशहर में सबसे ज्यादा सरप्लस शिक्षक निकलेंगे। ब्लॉकों के नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, जबकि बच्चे कम हैं। हालांकि मानव संपदा पोर्टल पर पूरा डाटा है तो इस बार शासन किसी भी गड़बड़ को पकड़ लेगा। बताया गया कि शासन स्तर से सीधा समायोजन होगा। जांच पड़ताल के बाद शिक्षकों का पूरा डाटा सत्यापित होगा। सरप्लस शिक्षकों को अरनिया, दानपुर, डिबाई, पहासू, ऊंचागांव व अन्य | ब्लॉकों के स्कूलों में भेजा जाएगा क्योंकि एकल स्कूल इन ब्लॉकों में ज्यादा हैं।
छात्र संख्या व शिक्षक अनुपात देखा जाएगा
विभाग द्वारा मानव संपदा पोर्टल पर सबसे पहले शिक्षक एवं छात्रों का अनुपात देखा जाएगा। जूनियर स्कूल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक, प्रामरी में 30 पर एक, इसके बाद 30 से 60 पर दो और फिर जैसे-जैसे छात्र संख्या बढ़ती रहेगी उसी के आधार पर क्रमश: शिक्षकों को स्कूलों में रखा जाएगा।
शासन से जो गाइड लाइन आई है उसी के आधार पर शिक्षकों का समायोजन होगा। मानव संपदा पोर्टल से शिक्षकों का डाटा उठाया जाएगा। सर प्लस शिक्षकों को एकल स्कूलों में भेजा जाएगा। शासन स्तर से यह पूरी प्रक्रिया होगी। जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी कर दिया जाएगा। – बीके शर्मा, बीएसए