लखनऊ। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2007, 2008 ( विशेष चयन) व 2008 भर्ती प्रक्रिया के 189 दिव्यांग शिक्षकों ने मेडिकल बोर्ड से अब प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया है। इन पर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल करने का आरोप है। ये शिक्षक 2016 से 2022 के बीच कभी मेडिकल बोर्ड के सामने जांच के लिए पेश नहीं हुए। इन शिक्षकों को अंतिम बार कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद कार्रवाई होगी।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा कि जून 2022 में जांच का अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी दी गई थी। इस चेतावनी के बाद कुल 220 दिव्यांग शिक्षकों/अभ्यर्थियों में से सिर्फ 31 ने ही मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य परीक्षण कराया है।