लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग गरीब बच्चों का कान्वेंट स्कूलों में हर साल दाखिला तो करा रहा है लेकिन, वे बच्चे न नियमित पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं। इसकी निगरानी शुरू हो गई है। न 2014 से 2021 तक कान्वेंट स्कूलों में तीन लाख 37 हजार 835 बच्चों को अलग-अलग कक्षाओं में प्रवेश दिया गया है। राज्य परियोजना कार्यालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पूछा है कि ये बच्चे । अब कहां पढ़ रहे हैं यह रिपोर्ट 15 सितंबर तक भेजा जाए।
निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 यानी आरटीई के तहत 4T – 4dT प्राप्त निजी विद्यालयों में कक्षा एक व पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में कुल सीटों का कम से कम 25 प्रतिशत तक गरीब बच्चों को प्रवेश देने का नियम है। प्रदेश के 34,483 विद्यालय इसके लिए चिन्हित हैं, जहां चार लाख सात हजार 978 सीटें हैं। 2014 व 2015 में आफलाइन और उसके बाद से आनलाइन दाखिला दिया जा रहा है। पिछले सात वर्ष में इन सीटों के सापेक्ष कुल 3.37 लाख बच्चों को प्रवेश दिया जा सका है।
वहीं, इस वर्ष सवा लाख छात्र छात्राओं को कान्वेंट स्कूल आवंटित कर दिया, उनमें सिर्फ 65 हजार को ही प्रवेश मिला है, जबकि 60 हजार गरीब बच्चों को निजी विद्यालयों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है कि शैक्षिक सत्र 2014 से 2021 तक प्रवेश पाने वाले सभी छात्र-छात्राएं अब कहाँ पढ़ रहे हैं इसका ब्योरा 15 सितंबर तक हर हाल में भेजा जाए। विभाग इन बच्चों की ट्रैकिंग करा रहा है। संकेत है कि इसके बाद संबंधित बीएसए व कान्वेंट स्कूलों पर शिकंजा कस सकता है।