दो सालों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुआ इजाफा, प्रधान परेशान
औरास सरकारी विद्यालयों में छात्रों के लिए बनने वाले मिड डे मील की कन्वर्जन कॉस्ट दरें 14 साल पहले तय हुई थी शुरुआती सालों में दरों में बढ़ोतरी की गई लेकिन दो सालों से दरों में वृद्धि नहीं की गई है। जिससे बच्चों की मिड-डे मील देना प्रधानों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
औरास विकासखंड में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों को मिलाकर कुल 153 विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में प्रधान और विद्यालय प्रबंध समिति मिलकर मिड-डे मील की व्यवस्था संचालित करते हैं। विद्यालयों में वर्ष 2008 से बच्चों को दोपहर में पका पकाया भोजन देने की व्यवस्था शुरू की गई थी उस समय प्राथमिक कक्षा के लिए प्रति छात्र 2.50 और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए तीन रुपये दर थी। पहली अप्रैल सन 2020 में प्राथमिक कक्षाओं के लिए 4.97 रुपये प्रति छात्र प्रतिदिन तथा उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए 7.45 रुपये दर तय की गई थी। दो सालों में इन दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। विसबल प्रधान कन्हैयालाल, लहरू ताल्ही के अजय कुमार, पुरया की अल्का धमियाना के हरिपाल यादव और सैदापुर के पुत्तीलाल यादव का कहना है कि खाद्य सामग्री लगातार महंगी हो रही है लेकिन दरों में बढ़ोतरी न होने से योजना संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानों ने मिड-डे मील की कन्वर्जन कॉस्ट में बढ़ोतरी को मांग की है।