लखनऊ : हरदोई में स्वास्थ्य विभाग में तैनात टेक्नीशियन उमेश कुमार ने बिना छुट्टी व अनुमति लिये फर्जी तरीके से बीएड किया और उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक बन गया। शासन के निर्देश पर विशेष जांच दल (एसआइटी) ने एफआइआर दर्ज की है। एसआइटी ने अपनी एफआइआर में गाजियाबाद के डासना स्थित सरस्वती कालेज आफ प्रोफेशनल स्टडीज के निदेशक डा. डीपी सिंह व सचिव निर्मल सिंह अन्य तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों को भी आरोपित बनाया है।
जालसाजी कर सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल किए जाने का यह मामला विधान परिषद में उठाया गया था। शासन ने फरवरी, 2022 में पूरे मामले की जांच एसआइटी को सौंपी थी। जांच में सामने आया कि आरोपित उमेश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की सेवा में रहते हुए नियमित भुगतान लेते हुए और बिना विभाग की अनुमति लिए मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से बीएड का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। इसके बाद हरदोई में ही सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली। उमेश कुमार ने अपने बीएड सत्र 2005-06 में हरदोई के स्वास्थ्य विभाग में बीसीजी टेक्निशियन की नौकरी की और इस अवधि में स्वास्थ्य विभाग से केवल 16 दिन का आकस्मिक अवकाश लिया। शासन के आदेश पर एसआइटी ने आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर विवेचना शुरू की है। जल्द उसका शिकंजा आरोपितों पर कसेगा।