पसगवां विकास खंड एक संविलियन विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बीईओ पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए राज्य महिला आयोग को शिकायत भेजी है। उधर, मामले में बीईओ की महिला शिक्षिका के खिलाफ बीएसए को भेजी जांच रिपोर्ट भी वायरल हुई है, जिसमें शिक्षा पर एमडीएम को लेकर विभाग की छवि धूमिल करने का जिक्र है। उधर, बीएसए लक्ष्मीकांत पांडेय का कहना है कि मामले में विभाग से अलग कमेटी बनाकर जांच करवाई जाएगी।
राज्य महिला आयोग को भेजी शिकायत में प्रधानाध्यापिका ने बताया कि 17 जून की सुबह बीईओ ने उन्हें विद्यालय के कार्यालय में बुलाकर कहा कि आप हमें एक घंटा अलग से समय दें। आरोप है कि बीईओ ने संबंध बनाने का दबाव डाला और ऐसा न करने पर प्रधानाध्यापिका का चार्ज उनकी मातहत को सौंपने की बात कही। शिक्षिका का आरोप है कि दो जुलाई को बीईओ ने अपने चैवर में बुलाकर जोर-जबरदस्ती की कोशिश की विरोध करने पर जान से मारने की भ्रमको दो मामले में बीईओ पर कार्रवाई की मांग की गई है।
वहीं प्रधानाध्यापिका की शिकायत के बाद बीईओ का तीन अगस्त को बीएसए को भेजा वह पत्र भी वायरल हुआ है जिसमें उन्होंने शिक्षिका को एमडीएम को लेकर विभाग को छवि धूमिल करने की बात कही है।
तीन अगस्त को बीएसए को प्रेषित अपनी रिपोर्ट में बीईओ ने अताया कि एक पत्रकार ने एक वीडियो प्रेषित किया है जिसमें प्रधानाध्यापिका कह रही है कि एमडीएम में अधिकारियों को हिस्सा देना पड़ता है। प्रधानाध्यापिका का कथन शिक्षा विभाग और उच्चाधिकारियों की छवि धूमिल कर रहा है और शिक्षक आचरण नियमावली के विरुद्ध है। इस मामले में बीईओ का पक्ष नहीं मिल सका।
उधर, इस मामले में बीएसए लक्ष्मीकांत पांडेय ने प्रथम दृष्टया घटना को संदिग्ध बताया। कहा कि शिक्षिका की राज्य महिला आयोग को भेजी शिकायत में 18 जून को तारीख पड़ी है। ऐसे में दो जुलाई की शारीरिक संबंध बनाने के आरोप निराधार है। फिलहाल विभाग से अलग एक जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच करवाई जाएगी।