लखनऊ, । स्वास्थ्य विभाग में तमाम प्रकरण ऐसे हैं, जिसमें प्रशासनिक पद पर किए गए तबादलों पर अमल नहीं हो पाया है। चिकित्साधिकारियों ने या तो कार्यभार नहीं छोड़ा और यदि छोड़ भी दिया तो नई जगह ज्वाइनिंग नहीं की।
अपर मुख्य सचिव के बाद अब महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. लिली सिंह ने फिर सभी निदेशकों, अपर निदेशकों, सीएमओ और सीएमएस को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि तबादलों के बाद भी डॉक्टरों के न पहुंचने से प्रशासनिक काम प्रभावित हो रहा है।
महानिदेशक ने लिखा है कि शासन स्तर से स्थानांतरित कुछ चिकित्साधिकारियों ने अपने नवीन तैनाती स्थलों पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इनमें प्रशासनिक पदों पर स्थानांतिरत मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त निदेशक शामिल हैं। इस कारण उन जिलों में कार्यभार प्रभावित हो रहा है। उन्होंने प्रशासनिक पदों पर स्थानांतरित सभी चिकित्साधिकारियों को तत्काल कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे चिकित्साधिकारियों से चार्ज वरिष्ठ अधिकारी को दे दें।
पीडब्ल्यूडी: तबादला सूची का परीक्षण अंतिम दौर में, नियम विरुद्ध तबादले निरस्त होंगे
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। लोक निर्माण विभाग में मानक से अधिक और नीति के विरुद्ध हुए सभी तबादले जल्द निरस्त कर दिए जाएंगे। तबादला सूची का परीक्षण शासन और विभाग दोनों स्तर पर किया जा रहा है। इस परीक्षण में जो भी तबादले नीति विरुद्ध पाए जाएंगे उन्हें निरस्त किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष संदीप कुमार ने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया।
विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण ने विभागाध्यक्ष और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर तबादला सूची के परीक्षण की प्रगति की जानकारी ली।
लखनऊ, विशेष संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग में 124 लिपिकों के तबादलों में विसंगतियां पाई गई है। विभाग के अपर शिक्षा निदेशक अनिल भूषण चतुर्वेदी ने जांच रिपोर्ट सोमवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद को सौंप दी है। रिपेार्ट में विसंगति के लिए दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है।
स्थानांतरित किए गए 1043 लिपिकों में से अभी तक 775 लिपिकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। जिन तबादलों में विसंगति पाई गई है उनमें 70 फीसदी ऐसे हैं जहां एक ही पद पर दो लोगों को तैनाती दे दी गई है या फिर जहां से लिपिक का तबादला हुआ है, वहां पर वह तैनात है ही नहीं। अधिकारियों का मानना है कि लिपिकों के सही पटल की जानकारी अपडेट न होने के कारण यह विसंगतियां हुई है।
विभाग ने जून में 1043 लिपिकों का तबादला किया था जिनमें 45 फीसदी ऐसे थे जो 10 सालों से एक ही जगह पर जमे थे। लिपिकों के तबादलों को लेकर यूपी एजुकेशन मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने लगभग 300 लिपिकों की सूची विभाग को सौंपी थी जिनमें गड़बड़ियां थीं।