वाराणसी,। कोरोना काल के दौरान ‘मोहल्ला क्लास’ ही नहीं बल्कि आनलाइन कक्षाओं में हुआ प्रयोग भी यूपी में नदियों में बाढ़ के दौरान छात्रों के काम आएगा और पढ़ाई किसी सूरत में बाधित नहीं होने दी जाएगी। शासन स्तर से बाढ़ के दौरान इस पर मंथन की जानकारी सामने आई है।
यूपी के कई अन्य जिलों की तरह ही वाराणसी में भी गंगा खतरा बिंदु से ऊपर बह रही हैं। पानी का रुख अब तटवर्ती गांवों की ओर हो चला है। जान-माल की रक्षा के लिए कई स्कूलों को जहां बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए ले राहत कैंप के तौर पर खोल लिया गया है। वहीं दूसरी ओर कुछ स्कूलों और उसके रास्तों पर पानी भरने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसकी चिंता अभिभावक सहित शिक्षा विभाग को भी सता रहा है।
शिक्षा विभाग कोरोना के दौरान मोहल्ला क्लास और आनलाइन पढ़ाई को अब प्रयोग में लाने की तैयारी कर रहा है। क्योंकि सप्ताह भर से लगातार पानी बढ़ता जा रहा है और माह भर तक पढ़ाई बाधित होने की संभावना बलवती हो गई है। इस प्रयोग से बच्चों की पढ़ाई चलती रहेगी और बाढ़ की दुश्वारियों से भी निपटा जा सकेगा।
गंगा में बढ़ाव की गति लगातार बनी हुई है पानी का फैलाव नित नए इलाकों को अपनी चपेट में ले रहा है। पानी गांवों और नगरीय मोहल्लों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। तटवर्तीय इलाकों में लगातार बढ़ते हुए पानी के सैलाब से तमाम इलाकों का संपर्क टूटने लगा है। इसकी वजह से आस-पास के लोगों को दूसरे जगह सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। वहीं स्कूलों में बाढ़ राहत कैंप बनाया गया है। इसके कारण तमाम वहां की पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो चुकी है।
फिलहाल आगे भी बाढ़ का पानी कम होने की उम्मीद नहीं दिख रहा है। ऐसे में पढ़ाई को लेकर महकमे, अभिभावकों और बच्चों की चिंता बढ़ी है। इसको संज्ञान में लेते हुए शिक्षा विभाग ने फौरी तौर पर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। उनमें से मोहल्ला क्लास और मोबाइल पर क्लास को अहम माना जा रहा है।
जल्द ही अलग-अलग शिक्षकों और शिक्षामित्रों की टीमें तैयार की जाएंगी। वह ऐसे बच्चों को शिक्षा देने का जतन करेंगे जो स्कूल बंद होने से पढ़ाई से वंचित हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि यह प्राकृतिक आपदा है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई को सुचारु रखने के लिए मोहल्ला क्लास व तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा