बस्ती
कस्तूरबा विद्यालय में जांच के लिए गए बीएसए पर एक मुख्य रसोइया ने दुर्व्यवहार समेत अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत के बाद डीएम प्रियंका निरंजन ने सीआरओ नीता यादव को प्रकरण की जांच सौंप दी है। वहीं बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।
बीएसए स्तर से जिले के एक कस्तूरबा विद्यालय का 24 जुलाई 2022 और तीन अगस्त 2022 को औचक निरीक्षण किया गया था। यहां कार्यरत एक मुख्य रसोइया ने निरीक्षण के दौरान बीएसए स्तर से दुर्व्यवहार समेत अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत पांच अगस्त को सीएम पोर्टल पर की है।
बीएसए ने प्रकरण में डीएम को पांच अगस्त को भेजी गई आख्या में बताया है कि 24 जुलाई 22 की शाम कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ जिला समन्वयक एमडीएम मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान यहां कार्यरत मुख्य रसोइया की दो बेटियां मौजूद मिलीं, जिनकी आयु करीब बीस वर्ष थी। अनाधिकृत रूप से विद्यालय में निवास करती पाई गईं। जिनका नामांकन स्कूल में नहीं है।
उनके स्तर से विद्यालय की नामांकित बच्चियों को अनावश्यक रूप से परेशान कर अपशब्द कहे जाने की बात भी सामने आई। इस संबंध में तत्काल रसोइया को अपनी बेटियों को विद्यालय परिसर से अन्यत्र रहने की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिया गया। इस निरीक्षण की आख्या डीएम को भी भेजी गई।
बीएसए के अनुसार आदेश का अनुपालन हुआ कि नहीं इसकी पुष्टि करने के लिए तीन अगस्त 2022 को फिर से कस्तूरबा का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। यहां समस्त स्टॉफ मौजूद मिला। जबकि मुख्य रसोइया की बेटियां अनाधिकृत से निवास करती पाई गईं। इसके बाद कस्तूरबा के सभी स्टॉफ के सामने रसोइया को फिर से निर्देशित किया गया और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। निरीक्षण विद्यालय भवन के बाहर ही किया गया। मुख्य रसोइया स्तर से लगाए गए सभी आरोप असत्य व निराधार हैं। प्रकरण में मुख्य रसोइया स्तर से लगाए गए आरोपों की जांच डीएम प्रियंका निरंजन ने सीआरओ नीता यादव को सौंप दी है।