AGRA: एंटी करप्शन टीम ने एक शिक्षक को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। पर, शिक्षक ने पेशकश के बाद भी रकम हाथ में नहीं पकड़ी। योजना फेल हो जाने पर टीम शिक्षक को अपने साथ ले गई। हालांकि बाद में लिखा पढ़ी कर छोड़ दिया।
मामला बृहस्पतिवार का है। डौकी क्षेत्र के गांव पीलिया स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत हुई थी। वह बीआरसी का भी कार्य देखते हैं। एक शिक्षिका ने आरोप लगाया था कि वह एक मामले में निलंबित हो गई थी। शिक्षक बहाल कराने के एवज में 20 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा है। दस हजार रुपये ले चुका है। इस पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया। दो सरकारी गवाह लिए।
टीम शिक्षक के विद्यालय पहुंची। एक गवाह शिक्षिका के साथ विद्यालय में गया, वहां शिक्षक ने रुपये हाथ में नहीं पकड़े। पता चल जाने पर इस दौरान लोग जुट गए। बाद में टीम शिक्षक को अपने साथ बाईपुर स्थित कार्यालय ले आई। वहां लिखापढ़ी के बाद छोड़ दिया गया। इधर, टीम की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए।
ये बोले प्रभारी
एंटी करप्शन के प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि निरीक्षक कुशलवीर सिंह के नेतृत्व में टीम गई थी। शिक्षक के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत थी। शिक्षक को लिखापढ़ी के बाद छोड़ा गया। यह सामान्य प्रक्रिया है।
नहीं बुलाई पुलिस, मचा अपहरण का हल्ला
एंटी करप्शन की कार्रवाई से कई सवाल खड़े हो गए हैं। मामले में थाना डौकी पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी गई थी। टीम शिक्षक को अपने साथ ले गई तो अपहरण का हल्ला मच गया। जब रिश्वत नहीं ली तो शिक्षक को कार्यालय क्यों लाया गया। जिस समय गवाह के साथ शिकायतकर्ता शिक्षिका पहुंची, सरकारी गवाह ने उस समय अपना मोबाइल ऑन कर रखा था। उनकी बातचीत को एंटी करप्शन की टीम सुन रही थी। शिक्षक ने रिश्वत की रकम लेने से इंकार कर दिया था। इस मामले में शिक्षकों ने शिक्षा विभाग में शिकायत की है।