इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश का पालन न करने पर नाराजगी जताई है। न्यायालय ने अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अंतरिम आदेश का पालन करने का अंतिम अवसर दिया है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि एक माह में आदेश का अनुपालन न होने की स्थिति में अधिकारियों पर अवमानना का आरोप तय किया जाएगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जनपद अलीगढ़ के बिसारा इंटर कॉलेज से बर्खास्त शिक्षक सुधीर कुमार शर्मा द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है। शिक्षक को 2005 में प्रबंधन समिति ने मौलिक रिक्ति के सापेक्ष नियुक्त किया था। नियुक्ति के समय शिक्षक ने राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर द्वारा जारी शिक्षा अलंकार डिग्री प्रस्तुत की थी।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश का पालन न करने पर नाराजगी जताई है। न्यायालय ने अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अंतरिम आदेश का पालन करने का अंतिम अवसर दिया है। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि एक माह में आदेश का अनुपालन न होने की स्थिति में अधिकारियों पर अवमानना का आरोप तय किया जाएगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जनपद अलीगढ़ के बिसारा इंटर कॉलेज से बर्खास्त शिक्षक सुधीर कुमार शर्मा द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है। शिक्षक को 2005 में प्रबंधन समिति ने मौलिक रिक्ति के सापेक्ष नियुक्त किया था। नियुक्ति के समय शिक्षक ने राष्ट्रीय पत्राचार संस्थान कानपुर द्वारा जारी शिक्षा अलंकार डिग्री प्रस्तुत की थी।
विभाग द्वारा वेतन जारी न होने पर योजित की गई याचिका को निस्तारित करते हुए कोर्ट ने डीआईओएस को गुणदोष के आधार पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। जिसके बाद विभाग ने 2014 में वित्तीय सहमति प्रदान कर दी थी। किंतु 2021 में जनपद अलीगढ़ के अरुण कुमार ने विनोद कुमार उपाध्याय केस में दिए निर्देश के आधार पर शिक्षक की नियुक्ति को चुनौती दी। जिसके बाद विभाग ने प्रशिक्षण उपाधि को अवैध पाते हुए शिक्षक को बर्खास्त कर दिया था।
सेवा समाप्ति को चुनौती देते हुए दाखिल की गई याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत ने बर्खास्तगी आदेश को स्थगित कर दिया था किंतु विभाग ने पिछले चार महीनों में स्थगनादेश का अनुपालन नहीं किया। अंतरिम स्तर पर दिए गए स्थगनादेश का अनुपालन कराने के लिए इस अवमानना याचिका को दायर किया गया था।