ज्ञानपुर। जिले के प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में पढ़ने वाले 62 हजार विद्यार्थियों को ड्रेस, जूता-मोजा आदि के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इसका कारण बच्चों के अभिभावकों का बैंक खाता, आधार कार्ड से लिंक नहीं हो पाना बताया जा रहा है। विभाग का मानना है कि दूसरे चरण में सभी बच्चों का पैसा अभिभावकों के खाते में पहुंच जाएगा।
जिले के 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय में एक लाख 98 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को सरकार दो जोड़ी यूनिफार्म, एक स्वेटर, एक जूता, दो जोड़ी मोजे और एक बैग प्रदान करती है। 2020 से पूर्व यह राशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजी जाती थी। जिससे वह संस्थाओं के माध्यम से यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा का वितरण कराती थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण 2020, 2021 में सीधे अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से रकम भेजी जा रही है। नए शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद से ही डीबीटी को लेकर युद्ध स्तर पर बच्चों के आधार नंबर को पोर्टल पर अपलोड करने की कवायद शुरू हुई। एक अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटन दबाकर बच्चों के अभिभावक के खात में 1200-1200 रुपये जारी कर दिया, लेकिन जिले में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के अभिभावक अब भी पैसा आने का इंतजार कर रहे हैं। विभागीय आंकड़े पर गौर करें तो एक लाख 36 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में धन पहुंच गया है जबकि 22 हजार के अब भी वंचित हैं। इसमें सुधार कराया जा रहा है। जिन बच्चों का आधार बन रहा है उसे अपलोड किया जा रहा है।
डीबीटी को लेकर आने लगी शिकायतें
बेसिक शिक्षा विभाग में 10 दिनों के अंदर 12 शिकायतें डीबीटी को लेकर आ चुकी हैं। जिसमें डीघ से दो, सुरियावां से तीन, भदोही से दो, औराई से चार सहित अन्य शामिल है। डीसी कल्पनाथ मिश्र ने बताया कि विभागीय स्तर से खामियों का सुधार किया जा रहा है। काफी संख्या में ऐसे बच्चों का पैसा नहीं आया है जिनका 2021 की फोटो अपलोड नहीं हो सकी है।
पहले चरण में एक लाख 36 हजार बच्चों के अभिभावक के खाते में 1200-1200 रुपये पहुंच गया है। जिनका डीबीटी नहीं हो सका है उनकी कमियां दुरुस्त कराया जा रहा। दूसरे चरण में सभी बच्चों को धन मिल जाएगा।
- भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए