सहारनपुर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय महंगी की वार्डन, प्रभारी वार्डन और रसोइया की संविदा समाप्त कर दी है मामला फूड प्वाइजनिंग का है, जिसमें दो और तीन जुलाई को 30 छाओं की तबीयत बिगड़ गई थी। जिला अधिकारी ने अपर जिला अधिकारी प्रशासन की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी। समिति की रिपोर्ट और जिला अधिकारी के अनुमोदन के बाद यह कार्रवाई की गई है। ।
विद्यालय में दो और तीन जुलाई की दूषित भोजन खाने से करीब 30 छात्राओं की तबीयत बिगड़ी थी। 12 छात्राओं की हालत गंभीर थी, जिन्हें रात में पहले सीएचसी गंगोह और उसके बाद जिला अस्पताल भेजा गया था। जिला अस्पताल से भी
करीब दस छात्राओं को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर करना पड़ा था नौ छात्राओं को तीन से चार दिन में छुट्टी दे दी गई थी, जबकि एक छात्रा की छुट्टी एक महीने से अधिक के इलाज के बाद की गई है। इस मामले में जिला अधिकारी अखिलेश सिंह ने अपर जिला अधिकारी प्रशासन डॉ. अर्चना द्विवेदी की अध्यक्षता में समिति गठित की थी।
समिति ने अपनी जांच आख्या जिला अधिकारी को सौंप दी। जिला अधिकारी ने जांच के आधार पर मंगलवार को वार्डन, प्रभारी वार्डन और रसोइया की संविदा समाप्त करने का अनुमोदन किया, जिसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अबरीष कुमार ने कार्रवाई की है। जांच में घोर लापरवाही मिली ये पाए गए दोषी डीएम को सौंपी जांच में बताया गया कि वार्डन मुकेश देवी द्वारा दो जुलाई को छात्राओं के बीमार होने के बावजूद बिना किसी उच्चाधिकारी को सूचना दिए बिना विद्यालय छोड़ा गया। एक अन्य पूर्णकालिक शिक्षिका दीपिका को भी अवकाश पर भेज दिया गया और प्रभारी वार्डन मात्र एक शिक्षिका नीलम के भरोसे विद्यालय छोड़ा गया। इतना ही नहीं घटना की सूचना के बावजूद वह समय से विद्यालय नहीं पहुंची।
ऐसे में उनकी घोर लापरवाही मानते हुए संविदा समाप्त की गई है। प्रभारी वार्डन नीलम जो पूर्णकालिक शिक्षिका हैं की संविदा इसलिए समाप्त की गई है कि उन्होंने छात्राओं के बीमार होने की सूचना किसी उच्चाधिकारी को नहीं दी और ना ही समय से छात्राओं का उपचार कराया। छात्राओं के बीमार होने के बावजूद उन्होंने रसोइया आजाद सिंह को विद्यालय से जाने दिया। रसोइया की संविदा इसलिए समाप्त की गई है कि उसने छात्राओं के बीमार होने की जानकारी होने के बाबजूद विद्यालय छोड़ा।