● जमीन के मानक पर सर्वाधिक असंतोष
● आपत्तियों की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी
प्रयागराज, । वित्तविहीन स्कूलों को मान्यता प्रदान करने की यूपी बोर्ड की नवीन शर्तों पर 800 से अधिक आपत्तियां और सुझाव मिले हैं। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने 23 अगस्त को मान्यता की नवीन संशोधित व्यवस्था का प्रस्ताव जारी किया था।
इसके संबंध में किसी भी प्रकार का सुझाव अथवा कोई संशोधन अपेक्षित है तो उसे परिषद की ई-मेल अईडी upmsp@ rediffmail. com पर 28 अगस्त तक भेजने को कहा था। बोर्ड को निर्धारित समय में 800 से अधिक आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। सर्वाधिक आपत्ति जमीन के मानक और एंडोमेंट फंड को लेकर है। बोर्ड ने शहरी क्षेत्र में मान्यता के लिए जमीन का मानक 650 वर्गमीटर से बढ़ाकर सीबीएसई की तरह तीन हजार वर्गमीटर कर दिया है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में दो हजार की बजाय छह हजार वर्गमीटर जमीन पर स्कूल संचालन की मान्यता देने की बात है। प्राभूत कोष की राशि 15 हजार से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है। आपत्ति करने वालों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में इतनी अधिक जमीन मिलना संभव नहीं। इससे नये स्कूलों के खुलने का रास्ता बंद हो जाएगा व सभी को शिक्षा का अभियान प्रभावित होगा। जो भी आपत्तियां मिली है उन्हें वर्गवार सूचीबद्ध करके और उसके औचित्य पर विस्तृत आख्या बनाते हुए रिपोर्ट शासन को निर्णय के लिए भेजी जाएगी।