बेसिक शिक्षा विभाग में 13 साल से बीएससी और बीएड की फर्जी डिग्री के जरिए नौकरी कर रहे शिक्षक को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। दो साल पहले एडी बेसिक से शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू हुई, लेकिन आरोपी शिक्षक ने विभागीय अधिकारियों को गच्चा देने के लिए फर्जी सत्यापन रिपोर्ट भेजवा दी।
दोबारा जांच में विश्वविद्यालय से सत्यापन कराने पर डिग्री फर्जी मिली। बीएसए ने बर्खास्त शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए हथिगवां कोतवाली को पत्र लिखा है। इधर, विभाग ने 49,09,003 रुपये की रिकवरी करने के लिए पत्र जारी किया है।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों पर नौकरी करने वाले एक और शिक्षक की पोल खुली है। कुंडा इलाके के प्राइमरी स्कूल अहिबरनपुर में प्रधानाध्यापक के पद पर प्रयागराज जिले के थरवई के गोड़वा गांव निवासी रोहित कुमार यादव की तैनाती थी। प्रयागराज के रहने वाले राजनाथ यादव ने 17 फरवरी 2021 को एडी बेसिक से मिलकर बताया कि रोहित की बीएससी और बीएड की लखनऊ विश्वविद्यालय की डिग्री फर्जी है।
इस पर विभाग ने सत्यापन के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय को पत्र लिखा था। 17 अगस्त 2021 को लखनऊ विश्वविद्यालय से आए पत्र में डिग्री को फर्जी बताया गया था। नोटिस जारी होने पर शिक्षक ने विवि की रिपोर्ट को ही झूठा बता दिया और नए सिरे से सत्यापन कराने की मांग की।
उसने कूटरचना कर विभाग को विवि से डिग्री वैध होने की रिपोर्ट भेजवा दी, मगर उसी तिथि में विभाग को एक दूसरा पत्र मिला, जिसमें डिग्री की फर्जी बताया गया था। इस पर बीएसए ने पुन: दोनों पत्रों को विवि भेजकर जानकारी मांगी। विवि के परीक्षा नियंत्रण विभाग ने शिक्षक की डिग्री फर्जी होने की पुष्टि की।
जिसके बाद बीएसए भूपेंद्र सिंह ने आरोपी शिक्षक को बर्खास्त कर दिया। 13 साल में वेतन के रूप में लिए गए 49,09,003 रुपये की रिकवरी करने का आदेश जारी करने के साथ उन्होंने हथिगवां थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पत्र लिखा है।
लखनऊ विश्वद्यालय से जांच में शिक्षक के अभिलेख फर्जी मिले हैं। आरोपी शिक्षक ने विभाग को गच्चा देने का प्रयास किया, मगर गोपनीय जांच में उसकी पोल खुल गई।
भूपेंद्र सिंह, बीएसए