गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू हो चुका है लेकिन कई जिलों में अभी तक इसके लिए टीमों का गठन नहीं हो पाया है। उधर शासन ने कहा है कि हर सूरत में यह सर्वे समय से पूरा किया जाए।
प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू किया गया है। यह मदरसों में होने वाली फंडिंग पर फोकस रहेगा। हालांकि इसके अतिरिक्त 10 अन्य बिंदुओं पर भी सर्वे होगा। इसके लिए सभी जिलों में 10 सितंबर तक टीम बनाकर सर्वे शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। ज्यादातर जिलों में सर्वे शुरू हो चुका है पर अब भी कई जिले ऐसे हैं जहां सोमवार तक भी टीमों का गठन नहीं हो पाया। वहीं कई जगह टीमों को इस सर्वे के दौरान परेशानी की भी सूचना आ रही है। गौरतलब है कि 15 अक्तूबर तक सर्वे पूरा करना है जबकि 25 अक्तूबर तक जिलाधिकारियों को इसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी है।
मदरसों का सर्वे उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश
मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य कमर अली ने बताया कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे वहां शिक्षा ले रहे बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश है। सरकार सर्वेक्षण कराकर शिक्षा की गुणवत्ता, भोजन, जल, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब आदि की वास्तविक स्थिति जानना चाहती है, ताकि मदरसों को बेहतर बनाया जा सके। सरकार मुसलमानों की हितैषी है और उनका शैक्षिक स्तर उठाना चाहती है।
इन बिंदुओं पर हो रहा है सर्वे
गैर मान्यता प्राप्त मदरसे का नाम।
गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन करने वाली संस्था कौन है।
मदरसे की स्थापना की तारीख क्या है।
उसका स्टेटस यानी निजी या किराए के घर में चल रहा है।
मदरसे में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था है।
भवन, पानी, फर्नीचर, बिजली और शौचालय के क्या इंतजाम हैं।
विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या कितनी है।
वहां पढ़ाया जाने वाला पाठ्यक्रम क्या है।
मदरसे की आय का स्रोत क्या है।
अगर छात्र अन्य जगह भी नामांकित हैं तो उसकी जानकारी।
अगर सरकारी समूह या संस्था से मदरसों की संबद्धता है, तो उसका विवरण।