सुल्तानपुर जिले के 33 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 800 शिक्षक कर्मचारी साढ़े तीन माह से वेतन के लिए तरस रहे हैं। तदर्थ शिक्षकों की वजह से विद्यालयों की ओर से वेतन बिल प्रस्तुत नहीं किए जा रहे हैं।
जिले में 58 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। इसमें दो माध्यमिक विद्यालय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान है। शेष 56 में से अधिकतर में तदर्थ शिक्षक कार्यरत है। सुप्रीम कोर्ट से मामला खारिज होने के बाद तदर्थ शिक्षकों की सेवा पर संकट खड़ा हो गया है। डीआईओएस ने तदर्थ शिक्षकों को हटाते हुए वेतन बिल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के बाद 58 में से 25 विद्यालयों के वेतन बिल पास किए ग
अभी भी 33 विद्यालयों के लगभग 800 शिक्षक कर्मचारी साढ़े तीन माह से वेतन को तरस रहे हैं। आयोग से चयनित अध्यापकों ने तो भूख हड़ताल की चेतावनी तक दी थी। वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों-कर्मचारियों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। सह जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. आरजे मौर्य ने बताया कि विद्यालयों से तदर्थ शिक्षकों का नाम सूची से हटाते हुए वेतन बिल मंगाया जा रहा है।