गोंडा। परिषदीय स्कूलों में अभी पूरी तरह किताबें पहुंच ही नहीं पाईं हैं। इसी बीच श्रीराम चरित मानस महाकाव्य के लेखक गोस्वामी तुलसीदास के जन्मस्थान पर बेसिक की किताबों ने विवाद खड़ा कर दिया है। करनैलगंज तहसील के परसपुर ब्लॉक के राजापुर गांव में जन्में गोस्वामी तुलसीदास के जन्म स्थान के बारे में दो कक्षाओं की किताबों में दो स्थानों का उल्लेख विवाद का विषय बन गया है। शासन ने स्थाई निदान की व्यवस्था नहीं की। अब सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी है। बता दें कि साल 2018 में पाठ्य पुस्तकों की इबारत को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग सवालों के घेरे में था। गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान के बारे में दो अलग-अलग जानकारी दी गई थी। तब अमर उजाला ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की था।
उस समय दो कक्षाओं की हिन्दी की किताबों में अलग-अलग जन्मस्थान का जिक्र था ।मगर एक बार फिर वही चूक की गई है। कक्षा सात के हिंदी की किताब में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान सोरों छपा है, और कक्षा आठ की हिंदी किताब में गोंडा, राजापुर प्रकाशित किया गया है। लोगों की मांग है कि गोंडा का राजापुर दर्ज होना चाहिए। सोशल मीडिया पर ऐसी स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शिक्षक राम अशीष तिवारी कहते हैं कि छात्रों को सही जानकारी मिलनी चाहिए। परसपुर विकास मंच के अरूण सिंह ने सवाल उठाया है कि भ्रामक जानकारी देना अनुचित है। बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि किताबों में जो भी तथ्य हैं, उसके बारे में जो भी आपत्ति मिलेगी, उसके बारे में निदेशालय को अवगत कराया जाएगा।
मगर एक बार फिर वही चूक की गई है। कक्षा सात के हिंदी की किताब में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म स्थान सोरों छपा है, और कक्षा आठ की हिंदी किताब में गोंडा, राजापुर प्रकाशित किया गया है। लोगों की मांग है कि गोंडा का राजापुर दर्ज होना चाहिए। सोशल मीडिया पर ऐसी स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। शिक्षक राम अशीष तिवारी कहते हैं कि छात्रों को सही जानकारी मिलनी चाहिए। परसपुर विकास मंच के अरूण सिंह ने सवाल उठाया है कि भ्रामक जानकारी देना अनुचित है। बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि किताबों में जो भी तथ्य हैं, उसके बारे में जो भी आपत्ति मिलेगी, उसके बारे में निदेशालय को अवगत कराया जाएगा।