फतेहपुर, शासन ने करीब चार वर्ष पूर्व परिषदीय स्कूलों एवं अपनी मॉनीटरिंग टीम को पूरी तरह डिजीटल करने का फैसला तो कर लिया लेकिन अब तक शिक्षकों व दूसरे जिम्मेदारों के हाथों में मोबाइल व टेबलेट नहीं पकड़ा सका। सभी बीईओ, एआरपी एवं परिषदीय स्कूलों के हेडमास्टर को डाटा प्लान सहित मोबाइल टेबलेट उपलब्ध कराने का फैसला किया था। हालांकि प्रक्रिया गतिमान होने का हवाला दिया जा रहा है लेकिन लेटलतीफी शासन की मंशा को चोटिल कर रही है। शासन ने प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम, जनपद स्तर पर मॉनीटरिंग यूनिट, 880 बीईओ, 4400 एबीआरसी एवं 158837 परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों को मोबाइल टेबलेट दिए जाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना के अन्तर्गत 15900 लाख रूपए की धनराशि का प्रावधान भी किया था। इसके बावजूद अब तक हेडमास्टरों के हाथों में मोबाइल या टेबलेट नहीं आ सके। बताते हैं कि अब नए सिरे से खरीद प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है।
जिलों में लैपटॉप, प्रोजेक्टर, मोबाइल टेबलेट, कम्प्यूटर, यूपीएस एवं प्रिंटर की गुणवत्ता बिन्दुओं अथवा स्पेशिफिकेशन तय करने केलिए 8 सदस्यीय समिति का गठन भी किया था। समिति में बेसिक शिक्षा निदेशक को अध्यक्ष एवं बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के सचिव को सचिव तथा राज्य परियोजना निदेशक द्वारा नामित व्यक्ति, आईआईटी कानपुर, मध्यम एवं लघु उद्योग विभाग, यूपी डेस्को आदि के प्रतिनिधि को सदस्य का दर्जा दिया गया था।
सभी प्रशिक्षण व अन्य योजनाएं हुई आनलाइन
कोरोनाकाल से विभाग ने अब तक शिक्षकों के अनेक सेवारत प्रशिक्षण आनलाइन कराए हैं। इसके अलावा मीटिंग्स एवं अन्य लाइव सेशन भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसे देखते हुए इस समय शिक्षकों को मोबाइल व टेबलेट की काफी जरूरत है।