गोरखपुर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत सभी शिक्षकों को प्रति वर्ष 50 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है। इसका उद्देश्य वर्तमान शिक्षा की गतिविधियों से शिक्षकों को अपग्रेड करना है। अच्छे शिक्षक होंगे तो पढ़ाई की गुणवत्ता अच्छी होगी। यह बातें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशिक्षण इकाई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित ने कही। उन्होंने कहा कि नवम्बर से मार्च तक गोरखपुर और संतकबीरनगर में 15 ऐसी ही प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन अलग-अलग विद्यालयों पर कराया जाएगा।जेपी एजुकेशन एकेडमी गोरखनाथ में आयोजित कार्यशाला में गोरखपुर के सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विभिन्न विद्यालयों के 60 से अधिक शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का आयोजन रिसोर्स पर्सन/प्रशिक्षक के तौर पर कानपुर से गुरु नानक मॉडर्न स्कूल के प्रधानाचार्य बलविंदर सिंह और वाराणसी से डॉ. अमृत लाल इशरत मेमोरियल सनबीम स्कूल के प्रधानाचार्य तरुण रुपानी के नेतृत्व में हुआ। निदेशक डॉ. सलिल श्रीवास्तव ने आभार ज्ञापित किया।बता दें कि बच्चों की पढ़ाई में सुधार के लिए ये कदम उठाया जा रहा है। पढ़ाई की क्वालिटी सुधारने के लिए पहले टीचर को ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग की मदद से टीचर अपनी स्किल में सुधार कर पाएंगे जिससे वो क्लास में बच्चों को अच्छी तरह पढ़ा पाएंगे। इस दौरान किसी भी तरह की टीचरों की समस्या का समाधान किया जाएगा जो उन्हें बच्चों को पढ़ाने के दौरान आती है।
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