आगरा में कैंट स्थित एक इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य के वायरल वीडियो से सब सकते में हैं। इसमें प्रधानाचार्य ने रोते हुए स्कूल की ही समुदाय विशेष की टीचरों पर छात्राओं को भड़काकर उनके खिलाफ नारेबाजी का आरोप लगाया है। कहा है कि ऐसा उन्हें हटाने के लिए किया जा रहा है। मैनेजमेंट अब दोनों पक्षों में सहमति का दावा कर रहा है।
वायरल हुआ वीडियो 15 सितंबर का है। यह आगरा कैंट स्थित जॉय हैरिस स्कूल का है। इसमें प्रधानाचार्य ममता दीक्षित को रोते हुए देखा जा सकता है। उनका कहना है कि स्कूल की मुस्लिम शिक्षिकाओं ने गुट बना लिया है। इसमें अन्य शिक्षिकाएं भी शामिल हैं। इनमें से अधिकांश सराय ख्वाजा की रहने वाली हैं। मेरे खिलाफ छात्राओं को भड़काया जा रहा है। स्कूल के बाहर मुस्लिम लड़कों का जमघट रहता है।
आगरा में हिन्दू महिला प्रधानाचार्य हिजाब और बुर्खा वाली छात्राओं से परेशान हैं। उनका रोते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें अपने ही कॉलेज की एक समुदाय की टीचरों पर भी आरोप लगा रही हैं
प्रधानाचार्य वीडियो में अपील करती हैं कि छात्राओं को स्कूल यूनिफॉर्म में ही आना चाहिए। उनके खिलाफ छात्राओं से अलग-अलग मनगढ़ंत शिकायतें करवाई गई हैं। ताकि शिक्षिकाएं स्कूल को कब्जा लें। इसमें एक शिक्षक नेता भी शामिल है। वीडियो में दोषी शिक्षकों के साथ हिजाब और बुरखे पर रोक लगाने के लिए प्रधानाचार्य लड़ाई जारी करने की बात भी कर रही हैं। उनके अनुसार कार्यालय में लगी मां सरस्वती की तस्वीर पर के खिलाफ भी माहौल बनाया गया है।
ममता दीक्षित का कहना है कि स्कूल की शिक्षिकाएं, छात्राओं के माध्यम से मेरे खिलाफ साजिश रच रही हैं। मेरे खिलाफ छात्राओं से लगातार नारेबाजी कराई जाती है। एक धर्म विशेष की शिक्षिकाएं अपने ही धर्म की 200 से अधिक छात्राएं एकजुट होकर मेरे खिलाफ कार्य कर रहे हैं। छात्राओं के रुख के बाद मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है। छात्राओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह यूनिफॉर्म में ही आएं। इसके साथ ही शिक्षिकाओं को भी नोटिस दिया गया है।
स्कूल प्रबंधक एईएन हैड क्वाटर लाल बहादुर का कहना है कि मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के साथ बैठक की गई थी। बैठक में सहमति बन गई है। अब कोई विवाद की स्थिति नहीं है। अनुशासन के साथ विद्यालय के संचालन के आदेश दिए गए हैं। विद्यालय में किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता स्वीकार नहीं की जाएगी। सभी को स्कूल के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा के अनुसार अभी तक ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। यदि किसी प्रधानाचार्य के खिलाफ ऐसा हुआ है, तो पूरे मामले में कार्रवाई की जाएगी। वीडियो मिलने के बाद कमेटी का गठन कर दिया जाएगा।