यूपी के चार और जिलों में गोंड जाति और उससे जुड़ी पांच उपजातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दे दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। अभी तक गोंड और इनसे जुड़ी उपजातियों को सिर्फ 13 जिलों में ही एसटी का दर्जा मिला हुआ था। अब इन जिलों से ही काटकर बनाए गए चार नए जिलों चंदौली, संत रविदासनगर (भदोही), संत कबीरनगर और कुशीनगर में भी यह सुविधा मिलेगी।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में गोंड और उनसे जुड़ी पांच उपजातियों धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड की आबादी 5 लाख 69 हजार 35 है। प्रदेश में 13 जिलों में इन्हें पहले से एसटी का दर्जा हासिल है। ये जिले हैं- महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और सोनभद्र। नवसृजित जिलों चंदौली, संत रविदास नगर (भदोही), संत कबीरनगर और कुशीनगर समेत 62 जिलों में इन्हें अनुसूचित जाति का दर्जा ही हासिल था। अब इन्हें नव सृजित इन चारों जिलों में एसटी की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। यानी प्रदेश के कुल 17 जिलों में अब गोंड और उसकी उपजातियों को एसटी का प्रमाणपत्र जारी हो सकेगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कई राज्यों की अलग-अलग जातियां खुद को एसटी में शामिल करने की लंबे समय से मांग कर रही थीं। संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण में संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) बिल लाया गया था। इस बिल को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन सरकार इसे राज्यसभा में पारित कराने में विफल रही। इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस आशय का फैसला किया गया।