जिले में 30 से अधिक मदरसे बिना मान्यता के ही चल रहे हैं। इनकी सूची तैयार की जा रही है। गौर करने वाली बात यह है कि अभी सर्वे जारी है। ऐसे में बिना मान्यता संचालित होने वाले मदरसों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
जिले में 269 मदरसे हैं। इनमें से 43 अनुदानित हैं। शेष निजी स्तर पर संचालित होने वाले मदरसे हैं जिन्हें मान्यता मिली हुई है। इनके अलावा भी बड़ी संख्या में मदरसे संचालित किए जा रहे हैं, जिनकी जानकारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पास भी नहीं है। इस तरह की शिकायतें पूरे में प्रदेश में हैं। शासन के निर्देश पर अब बिना मान्यता के संचालित मदरसों की सूची तैयार की जा रही है। इसके लिए सर्वे शुरू है।
सर्वे में अल्पसंख्यक के अलावा बेसिक शिक्षा विभाग तथा तहसीलवार राजस्व की टीम भी शामिल है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रारंभिक सर्वे में 30 से अधिक मदरसे चिह्नित किए गए हैं। इसी क्रम में बुधवार को अगले चरण का सर्वे शुरू किया गया। अन्य विभागों की ओर से भी सर्वे कर दिया गया है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी का कहना है कि बिना मान्यता वाले मदरसों की सूची की तैयार की जा रही है। जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। आगे की कार्रवाई शासन के निर्देश पर किया जाएगा।