प्रतापगढ़। दाल, सब्जी, तेल, मसाला, फल और दूध पर महंगाई छाने के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को मिड डे मील देने के दरों पर लिए दो साल से पुरानी दरों भुगतान किया जा रहा है। खाद्य सामग्रियों के दामों में इजाफा होने के बाद भी कनवर्जन कॉस्ट नहीं बढ़ी।
मिड डे मील के लिए प्राइमरी स्कूलों में 4.97 रुपये और मिडिल स्कूलों में 7.45 रुपये प्रति बच्चे की दर से कनवर्जन कॉस्ट दी जा रही है। यह दर दो वर्ष पहले निर्धारित की गई थी। चालू वित्तीय वर्ष में भी परिवर्तन नहीं हुआ है। इससे स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तायुक्त भोजन परोसने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जिले के 2364 स्कूलों में पढ़ने वाले 2,85,896 बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत दोपहर का भोजन दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारी अपने निरीक्षण में एमडीएम की गुणवत्ता परखने पर भी खूब जोर देते हैं, मगर बच्चों के भोजन के लिए मिलने वाली धनराशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
महंगाई का आलम यह है कि जो दो साल पहले अरहर की दाल 80 रुपये प्रति किग्रा की दर से बिक रही थी, वह अब 110 रुपये में है। सरसों का तेल 100 रुपये से बढ़कर लगभग दोगुने दाम पर 175 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। सब्जियों में आलू पिछले वर्ष दस रुपये प्रति किग्रा बिक रहा था। अब वह 25 रुपये प्रति किग्रा की दर से बिक रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस महंगाई में स्कूलों के हेडमास्टर बच्चों को गुणवत्तायुक्त भोजन कैसे परोस रहे हैं।