कोरोना की वजह से दो वर्ष से लगी थी रोक, अभिभावकों को प्राथमिकता
प्रतापगढ़ । जिले के 2364 स्कूलों में बच्चों को पका – पकाया भोजन परोसने के लिए नए रसोइयों की तैनाती को हरी झंडी मिल गई है बच्चों की संख्या बढ़ने पर स्कूलों में रसोइयों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी । चयन में पहली प्राथमिकता स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को मिलेगी । अभिभावक नहीं मिलने पर प्रधानाध्यापक किसी भी महिला और पुरुष को रसोइयां के रूप में चयन कर सकता है ।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का भोजन परोसने के लिए रसोइयों का चयन नए सिरे से होगा। रसोइयों के चयन में स्कूल पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों को प्राथमिकता दी जाएगी ।
अगर कोई अभिभावक खाना बनाने को तैयार नहीं होगा , तो हेडमास्टर किसी भी व्यक्ति का चयन कर सकेगा । कोरोना काल में दो साल से रसोइयों के चयन पर रोक लगी हुई थी । मगर इस वर्ष नए रसोइयों चयन के लिए हरी झंडी दे दी गई है शासन ने रसोइयों का चयन ग्राम पंचायत स्तर पर गठित समिति से कराने को कहा है । विभाग ने चयन करने के लिए कोई तिथि निश्चित नहीं की है , बल्कि हेडमास्टरों से गांव में मुनादी कराकर चयन करने को कहा है । सितंबर माह ही इनका चयन हो जाना है ।
दो हजार रुपये होगा रसोइया का मानदेय:
जिले में पहले से तैनात और नए तैनात होने वाले रसोइयों को अब दो हजार रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा । अभी तक रसोइयों को 1500-1500 रुपये मानदेय मिलता था । शासन ने बढ़े मानदेय का भुगतान करने के लिए बजट जारी कर दिया है । दो हजार हुआ रसोइयों का मानदेय होगा । बच्चों की संख्या को रसोइयों की तैनाती का आधार बनाया गया है ।
“जिन स्कूलों में बच्चों को एमडीएम खाने को मिलता है , उनमें रसोइयां चयन करने के लिए शिक्षकों से कहा गया है । बच्चों की संख्या के आधार पर खाली पदों पर रसोइयां का चयन किया जा सकेगा।”-भूपेंद्र सिंह , बेसिक शिक्षा अधिकारी