वाराणसी,
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एक हफ्ते की जांच में जिले में 41 मदरसे बिना मान्यता के मिले हैं। ये मदरसे दारुल उलूम देवबंद और बरेली शरीफ के दिशा-निर्देशों से चल रहे हैं। विभाग अब इन मदरसों के आय के स्रोत, भूमि, शिक्षकों की नियुक्ति सहित अन्य जानकारियां खंगाल रहा है। विभाग को 10 अक्तूबर तक मदरसों के सर्वे का फाइनल रिपोर्ट तैयार करनी है। टीम को जिले में 79 मदरसे गैर अनुदानित भी मिले हैं।
शासन के आदेश पर प्रदेश में 10 सितंबर से गैर मान्यता प्राप्त और गैर अनुदानित मदरसों का सर्वे चल रहा है। इसके लिए नगर आयुक्त, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और एसडीएम के नेतृत्व में एक कमेटी बनी है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा ने बताया कि अब तक की जांच रिपोर्ट में 41 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। अभी ये फाइनल रिपोर्ट नहीं है। जिले में सभी मदरसों की एक कंपाइल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद इसे शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद शासन स्तर इसका निर्णय होगा।
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि सर्वे से लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। सरकार सर्वे के माध्यम से मदरसों की सही संख्या, उनकी गुणवत्ता और संचालन का डाटा कलेक्ट करना चाहती है जिससे उनके हित में काम किया जा सके। सात वर्षों से उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने किसी भी मदरसे को नई मान्यता नहीं दी गई है।