प्रयागराज, इलाहाबाद हाइकोर्ट ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2021 (PCS Pre Exam 2021) को एकलपीठ द्वारा रद करने के खिलाफ अपील पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। एकल पीठ ने पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी आरक्षण न देने के कारण प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद कर दिया था। साथ ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया है जिसे अपील में चुनौती दी गई है।
यूपी लोक सेवा आय़ोग ने पढ़िए क्या दिया तर्क
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दिया है। आयोग की तरफ से तर्क दिया गया कि पूर्व सैनिकों को आरक्षण देने संबंधी अधिसूचना आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद जारी हुआ। ऐसे में आरक्षण का दावा नहीं किया जा सकता ।
याची की तरफ से कहा गया कि 10 मार्च को जारी हुई अधिसूचना कानून का संशोधन है न कि कोई नया कानून बनाया गया है। पुराना एक्ट उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण) एक्ट 1993 है। 1999 में संशोधन के जरिए ग्रुप बी को आरक्षण की श्रेणी से बाहर कर दिया।
सरकार के इस निर्णय को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी ।हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में सरकार ने 10 मार्च 2021 को पूर्व सैनिकों को क्षैतिज आरक्षण देने की व्यवस्था की। यह अधिसूचना जारी होने के दिन से ही लागू कर दी गयी है। कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लोक सेवा आयोग साक्षात्कार कर रहा है जो आदेश की अवहेलना है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है।