लखनऊ, । 19 सितंबर से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का पहला अनूपुरक बजट पेश कर सकती है। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन, निकाय चुनाव कराने के खर्चे और अन्य परियोजनाओं के लिए जरूरी धनराशि का प्रबंधन कर सकती है।
मानसून सत्र की तिथियों की घोषणा के साथ ही अनुपूरक बजट के अनुमानों पर चर्चाएं होने लगी हैं। अनुपूरक बजट की संभावनाओं को देखते हुए वित्त विभाग भी अलर्ट मोड पर है। प्रदेश सरकार द्वारा जैसे ही इस संबंध में दिशा-निर्देश मिलेंगे तत्काल इस पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
माना जा रहा है कि अनुपूरक के माध्यम से प्रदेश सरकार गंगा एक्सप्रेस-वे, ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट, निकाय चुनाव के खर्च के साथ ही धान की रोपाई से वंचित किसानों के लिए कुछ राहत की व्यवस्था भी हो सकती है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट जनवरी में प्रस्तावित है इस आयोजन में बड़ी धनराशि खर्च होने का अनुमान है। निकाय चुनाव होते हैं तो उसकी तैयारियों और इंतजाम के लिए भारी भरकम बजट चाहिए।
वहीं प्रदेश सरकार जिस तरह जिलों से धान की रोपाई का ब्यौरा मंगा रही है, उससे यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि किसानों के लिए भी अनुपूरक के माध्यम से सरकार राहत का इंतजाम कर सकती है। इसके अलावा प्रदेश सरकार चालू परियोजनाओं की गति बढ़ाने के लिए भी इसके माध्यम से अतिरिक्त धनराशि दे सकती है।