उत्तर प्रदेश के सभी परिषदीय व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में ‘हमारे शिक्षक’ नाम से एक बोर्ड लगेगा। इस पर विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों के फोटोग्राफ व तैनाती की तिथि, शैक्षिक योग्यता व प्रशिक्षण योग्यता और मानव संपदा आईडी का विवरण होगा। प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने इस बाबत मंगलवार को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि यह बोर्ड ऐसे स्थान पर लगाया जाए कि विद्यालय में प्रवेश करने वाले प्रत्येक अभिभावक व जन सामान्य को दिखे। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को 500 रुपये की धनराशि अनुमन्य की गई है। यह खर्च कंपोजिट ग्रांट मद व केजीबीवी मेंटेनेंस ग्रांट से किया जाएगा। एक बोर्ड पर अधिकतम छह शिक्षकों का विवरण होगा। यह बोर्ड 15 दिन में लगवाने के निर्देश दिए गए हैं।
यूपी बोर्ड की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में
यूपी बोर्ड की पढ़ाई हाइब्रिड हो चली है। कक्षा में पठन-पाठन के अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी पढ़ाई करानी है। कोरोना काल में यूपी बोर्ड ने भी ऑनलाइन पढ़ाई की शुरूआत की थी। अब जब सत्र सही समय पर पूर्ण रूप से ऑफलाइन हो चला है, बावजूद इसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी पढ़ाई कराने की योजना स्कूलों को भेज दी गई है।
बोर्ड ने बकायदा इसका शिड्यूल तैयार कर स्कूलों को भेजा है जिसमें ऑफलाइन पढ़ाई के साथ ऑनलाइन क्या पढ़ाया जा सकता है, उसके संबंध में जानकारी दी गई है। हाइब्रिड मोड के अंतर्गत बोर्ड ने ई-ज्ञान पोर्टल के माध्यम से पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने को स्कूलों से कहा है। इसके अलावा दीक्षा एप के माध्यम से भी ई-पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने को कहा है। इन दोनों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कक्षा नौ से 12 तक के विषयों की ई-पाठ्य सामग्री उपलब्ध है।
क्या पढ़ाना है, बोर्ड ने किया है उल्लेख
बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूलों को पठन-पाठन को लेकर शिड्यूल भेजा है। जिसमें विषयवार साप्ताहिक एकेडमिक कैलेंडर दिया गया है। किस हफ्ते में कौन-कौन से लेशन पढ़ाने हैं उसकी जानकारी दी गई है। साथ ही ऑफलाइन कौन से टॉपिक पढ़ाने हैं और उससे संबंधित क्या ऑनलाइन पढ़ाना है उसका भी उल्लेख दिया गया है।
स्कूलों को देना होगा प्रोजेक्ट वर्क
स्कूलों को पाठ से संबंधित प्रोजेक्ट वर्कभी छात्रों को देना होगा। प्रोजेक्ट वर्क में क्या दिया जा सकता है, इसका भी विषयवार उल्लेख शिड्यूल में दिया गया है। स्कूलों के अनुसार, प्रोजेक्ट वर्क एक तरह का होमवर्क ही है। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि एकेडमिक कैलेंडर में यह दिया गया है कि ई-पाठ्य सामग्री दीक्षा एप और ई-ज्ञान गंगा पर उपलब्ध है। अब बोर्ड ने इनका इस्तेमाल करने को कहा है तो इसका भी इस्तेमाल करने के लिए शिक्षकों को कहा जाएगा।