वर्गवार परिणाम सहायक अध्यापक
● अनारक्षित 8013
● ईडब्ल्यूएस 4358
● ओबीसी 23868
● एससी 5729
● एसटी 98
● योग 42066
वर्गवार परिणाम प्रधानाध्यापक
● अनारक्षित 261
● ईडब्ल्यूएस 229
● ओबीसी 918
● एससी 135
● एसटी 01
● योग 1544
अमान्य विषय-सीरीज भरने वालों को किया पास
15 नवंबर 2021 को घोषित परिणाम में अमान्य विषय, सीरीज भरने वाले अभ्यर्थियों को भी पास कर दिया गया था। फेल होने के बावजूद पास किए गए 3140 अभ्यर्थियों में से अधिकतर ने ओएमआर शीट पर अमान्य विषय या सीरीज भर दी थी। कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी थे जिनके प्राप्तांक अनारक्षित वर्ग के अर्हता अंक 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग में 60 प्रतिशत अंक से कम थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें पास कर दिया गया था।
विषयवार परिणाम प्रधानाध्यापक
● संस्कृत 323
● हिंदी 564
● अंग्रेजी 232
● सामाजिक विज्ञान 323
● गणित/विज्ञान 102
● कुल 1544
विषयवार परिणाम सहायक अध्यापक
● संस्कृत 5941
● हिंदी 13198
● अंग्रेजी 4898
● सामाजिक विज्ञान 10428
● गणित/विज्ञान 7601
● कुल 42066
शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का खत्म होगा इंतजार
जूनियर एडेड हाईस्कूलों में शिक्षक भर्ती का संशोधित परिणाम घोषित होने के साथ बेरोजगारों का इंतजार खत्म होने की उम्मीद है। हाईकोर्ट के आदेश पर पहली बार लिखित परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति कराई जा रही है। पहले प्रबंधन लाखों रुपये घूस लेकर मनमानी भर्ती करते थे। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पहले परीक्षा के आयोजन में देरी हुई और उसके बाद परिणाम में गड़बड़ी के कारण महीनों इंतजार करना पड़ा।
229 पास को कर दिया था फेल
प्रयागराज। एडेड जूनियर हाईस्कूल भर्ती परीक्षा में 3140 फेल अभ्यर्थियों को पास तो किया ही गया 229 अभ्यर्थी ऐसे भी थे जो पास होने के बावजूद फेल हो गए थे। संशोधित परिणाम में इन्हें पास किया गया है।
प्रयागराज, सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 पदों पर भर्ती के लिए 17 अक्तूबर 2021 को आयोजित परीक्षा के परिणाम में संशोधन से परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर गंभीर सवाल उठे हैं। इस परीक्षा में 3140 ऐसे अभ्यर्थी पास हो गए थे, दो दुबारा हुई जांच में फेल हो गए हैं। लिखित परीक्षा ओएमआर शीट के माध्यम से कराई गई थी, जिसकी जांच स्कैनर और कम्प्यूटर की मदद से होती है। सवाल है कि इतने बड़े पैमाने पर फेल अभ्यर्थियों को आखिर कैसे पास कर दिया गया था।
ओएमआर शीट से होने वाले मूल्यांकन में बगैर मानवीय हस्तक्षेप के एक भी फेल अभ्यर्थी का पास होना संभव नहीं है। दुबारा जांच फेल हुए अभ्यर्थियों की ओर से की गई याचिकाओं पर हुए हाईकोर्ट के आदेश पर कराई गई। परिणाम में हुए परिवर्तन से परीक्षा नियामक प्राधिकारी दफ्तर के लोग भी हैरत में हैं। हजारों अभ्यर्थियों के कॅरियर से खेलने के लिए किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई। यह परीक्षा परीक्षा नियामक प्राधिकारी के पूर्व सचिव संजय कुमार उपाध्याय के समय कराई गई थी। इन्हीं के कार्यकाल में 30 नवंबर को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का पेपर लीक हुआ था। जिस कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। उस मामले में तत्कालीन सचिव संजय कुमार उपाध्याय की गिरफ्तारी हुई थी। इससे पूर्व 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में भी ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे या फेल थे। उस मामले में तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह को निलंबित किया गया था। बाद में परिणाम तैयार करने वाली कम्प्यूटर एजेंसी को ब्लैकलिस्ट भी किया गया था।