उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से आयोजित की जाने वाली ज्यादातर भर्ती परीक्षाओं में अर्हता का पेच फंसा हुआ है। भर्तियां समय से शुरू नहीं हो पा रहीं हैं और इसके इंतजार में अभ्यर्थी ओवरएज रहे हैं। आयोग को एलटी ग्रेड शिक्षक के पांच हजार से अधिक पदों का अधियाचन मिल चुका है, लेकिन भर्ती महीनों से फंसी हुई है।
समकक्ष अर्हता पर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण आयोग ने विभिन्न विषयों से संबंधित अर्हता स्पष्ट करने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखा है। निदेशालय से आयोग को अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। अर्हता स्पष्ट होने के बाद ही आयोग भर्ती का विज्ञापन जारी करेगा।
एलटी ग्रेड शिक्षक की पिछली भर्ती का विज्ञापन वर्ष 2018 में जारी किया गया था। उस वक्त 10768 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। अर्हता के विवाद के कारण हजारों पद खाली रह गए थे। चार साल बाद भी नई भर्ती शुरू नहीं हुई। अभ्यर्थी नई भर्ती के इंतजार में ओवरएज हुए जा रहे हैं।
इसी तरह खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के भी 65 पदों का अधियाचन आयोग को मिल चुका है। इसमें भी समकक्ष अर्हता का पेच है और अर्हता पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है, जिसका जवाब आयोग को अभी नहीं मिला है। बीईओ की पिछली भर्ती का विज्ञापन वर्ष 2019 में जारी किया गया था। तीन साल से नई भर्ती का इंतजार कर रहे कई अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं या होने वाले हैं।
इसके अलावा अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती भी अर्हता के विवाद में फंसी हुई है। इसी विवाद के कारण एपीएस भर्ती परीक्षा-2013 निरस्त की जा चुकी है। इसके बाद कोई नई भर्ती नहीं शुरू हुई। नौ साल से अभ्यर्थी नई भर्ती शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। इस भर्ती में भी अर्हता पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए शासन को काफी पहले पत्र लिखा गया था। आयोग के पास तीन वर्षों से एपीएस के ढाई सौ रिक्त पदों का अधियाचन पड़ा है।
अगर इन सभी भर्तियों में अर्हता को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी जाए, तो अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश संयोजक अनिल उपाध्याय और प्रदेश अध्यक्ष विक्की खान का कहना है कि दिन बीतने के साथ ओवरएज होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ रही है और उनके लिए भविष्य के रास्तें बंद हो रहे हैं। ऐसे में अर्हता को लेकर स्थिति शीघ्र स्पष्ट की जाए, ताकि नई भर्तियां शुरू हो सकें।