ज्ञानपुर। शिक्षा व्यवस्था में सुधार और विकास कार्यों की निगरानी के लिए अफसरों ने स्कूलों को गोद लिया है। कमिश्नर, डीएम, सीडीओ संग अन्य जिला, तहसील और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की निगरानी से विद्यालयों की तस्वीर बदल रही है। एकाध अधिकारी को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर अफसर पहुंच रहे हैं। हर सप्ताह डीएम रिपोर्ट तलब करतीं हैं। जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। आपरेशन कायाकल्प और कंपोजिट ग्रांट से विद्यालय की दशा बदली जा रही है। इन विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार करने और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अप्रैल में 101 स्कूलों को जिला, ब्लॉक और तहसील स्तर के अफसरों ने गोद लिया है। अधिकारियों से कहा गया था कि वह अपने स्कूलों में जाकर वहां व्यवस्थाएं देखें। स्कूल के भवन की स्थिति, पेयजल, टॉयलेट और फील्ड के साथ ही शिक्षा के स्तर पर रिपोर्ट बनाकर विभाग को सौंपनी थी। इन अफसरों से कहा गया था कि वह लगातार स्कूल के संपर्क में रहें और जो बेहतर किया जा सकता है वह अपनी निगरानी में कराएं। कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा, डीएम आर्यका अखौरी, सीडीओ भानु प्रताप सिंह, बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह अन्य अधिकारियों की टीम शासन के इस अभियान में सक्रिय है। जिससे स्कूलों की स्थिति में काफी बदलाव आ चुका है, हालांकि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो अभी महीने भर पूर्व स्थानांतरित होकर जिले में आए हैं। उन्हें चयनित स्कूलों को लेकर परेशानी जरूर हो रही है। गोद लिए स्कूलों में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्र हर महीने पहुंचते हैं। डीएम के गोद लिए स्कूल बैराखास में काफी बदलाव हो चुका है। अब वह उपरौठ स्कूल को गोद लीं हैं। कमिश्नर के गोद लिए स्कूल कटका और नटवां में भी काफी हद तक स्थिति बेहतर हो चुकी है। चेतनीपुर स्कूल में बीएसए महीने में तीन से चार बार भ्रमण करते हैं। गोद लिए स्कूलों की प्रगति ठीक है। 101 स्कूलों की हर सप्ताह डीएम समीक्षा करती हैं। इसमें हर नामित अधिकारियों की ओर से रिपोर्ट दी जा रही है। – भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए
110
previous post