निपुण प्रदेश बनाने को कक्षा शिक्षण की मानिटरिंग के लिए नई सूची।
◆ अगले सप्ताह पढ़ाई में मदद करने वाले एसआरजी व एआरपी पर भी होगी निगाहें।
लखनऊ महानिदेशक ( डीजी ) स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कहा है कि निपुण प्रदेश बनाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा शिक्षण की आनलाइन मानीटरिंग की जाएगी । हर विद्यालय को भेजी गई संदर्शिका में इसका उल्लेख किया गया है । कक्षा शिक्षण के पर्यवेक्षण की नई सूची भी अगले सप्ताह जारी की जाएगी । उसी अनुरूप कार्य किया जाना है , ताकि हर बच्चा भाषा व गणित में दक्ष सके ।
निपुण भारत मिशन के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन समग्र शिक्षा अभियान के आनंद पांडेय ने कहा कि प्रदेश में शिक्षक संकुल के 41 हजार विद्यालयों को निपुण विद्यालय में बदलना है यह कार्य बेहतर पढ़ाई से ही संभव है । शिक्षक व छात्रों में बेहतर सामंजस्य व आत्मीयता होनी चाहिए इसके लिए सभी जिलों को विस्तृत निर्देश भेजे गए हैं । पांडेय ने कहा कि स्टेट रिसोर्स ग्रुप यानी एसआरजी के 225 व अकादमिक रिसोर्स परसन यानी एआरपी 4400 से अधिक तैनात हैं , इन्हें विद्यालयों पढ़ाई में शिक्षकों का सहयोग करना है । इसे कैसे अमल लाना इसका उल्लेख संदर्शिका में किया गया है ।
कार्यशाला में बताया गया कि स्कूल सपोर्टिव सिस्टम के लोगों को विद्यालयों में जाकर कार्य देखने के निर्देश हैं । एसआरजी हर माह 20 विद्यालय व एआरपी हर माह 30 विद्यालयों में जाएंगे । वे विद्यालयों में किस तरह का सहयोग कर रहे हैं इसकी भी नियमित निगरानी की जाएगी । इसके अलावा लैंग्वेज लर्निंग फाउंडेशन की ओर से आदर्शशिक्षण कक्ष पर प्रस्तुतीकरण किया गया ।
उन्हें बताया गया कि कक्षा एक विद्यार्थी एक अंक वाला जोड़ घटाव 75 प्रतिशत सवालों को आसानी कर सकें । कक्षा दो विद्यार्थी दो अंकों वाले अंकों का जोड़ व घटाना लगा सके । इसी तरह से कक्षा तीन और भाषा पर भी जोर दिया जा रहा है । ये कार्य 2025-26 तक हर हाल में पूरा करना है । कार्यशाला में सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक , बेसिक शिक्षा अधिकारी व स्टेट रिसोर्स ग्रुप यानी एसआरजी के हर जिले से तीन – तीन सदस्य शामिल हुए