कौशांबी : मूरतगंज विकास खंड के चरवा द्वितीय प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को पहुंचे अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि शनिवार को प्रधानाध्यापिका ने कक्षा पांच में पढ़ने वाले बच्चों को क्लास रूम के अंदर कर बाहर से ताला लगा लिया था। इस पर प्रधानाध्यापिका का कहना था कि बच्चा चोरी की अफवाह के चलते उन्होंने ताला नहीं बल्कि बाहर से कुंडी लगाई थी।
घटना की जानकारी पर पहुंचे खंड शिक्षाधिकारी ने सभी अध्यापकों व अभिभावकों का लिखित बयान लिया। विद्यालय में कुल 162 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण है। यहां प्रधानाध्यापिका प्रतिभा सिंह के अलावा सहायक अध्यापिका श्वेता सिंह, सोनम केसरवानी, आराधना शुक्ला, रंजना मिश्रा और बबिता दीपांकर की तैनाती है। इनके अलावा गांव की ममता मिश्रा व आराधना त्रिपाठी शिक्षामित्र हैं।
शनिवार को प्रतिभा मिश्रा बाजार से कुछ स्टेशनरी का सामान लेने जा रही थीं। उन्होंने कक्षा पांचवीं के कुछ बच्चों को साथ चलने के लिए कहा। जिसका शिक्षामित्र व अन्य स्टॉफ ने विरोध किया। इसे लेकर स्कूल में प्रतिभा के साथ काफी बहस हुई।
प्रधानाध्यापिका के मुताबिक इन दिनों बच्चा चोरी की अफवाह फैली है। पांचवीं के बच्चों को उन्हें पढ़ाना था। कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए उन्होंने बच्चों को क्लास रूम में करके बाहर से कुंडी लगा दी। बाद में किसी ने कमरे में बाहर से ताला बंद करके वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।
सोमवार को स्कूल खुला तो तमाम अभिभावक स्कूल पहुंचे और हंगामा करने लगे। अभिभावकों का आरोप था कि प्रतिभा सिंह ने बच्चों को बंधक बनाया। जिससे गर्मी से बच्चे बेहाल हो उठे। हंगामे की जानकारी होने पर बीएसए प्रकाश सिंह ने खंड शिक्षाधिकारी मुकेश कुमार मिश्रा को मौके पर जांच के लिए भेजा। उन्होंने बयान लेने के बाद अभिभावकों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया।
गर्भ से हैं प्रधानाध्यापिका और पैर में लगी है चोट
प्रधानाध्यापिका प्रतिभा सिंह का कहना है वह गर्भ से हैं और पैर में चोट भी लगी है। बाजार से स्टेशनरी का सामान खरीदना था, इसी वजह से वह पांचवीं क्लास के कुछ बच्चों को साथ ले जाना चाह रही थीं, लेकिन स्कूल के अन्य स्टॉफ के विरोध के चलते उन्हें अकेले जाना पड़ा। बच्चे बाहर न खेलें और सुरक्षित रहें, इसलिए क्लास वर्क देकर उन्हें कमरे के अंदर बैठाया गया था।
काफी दिनों से चल रही तनातनी
प्रधानाध्यापिका का कहना है वह प्रयागराज के बेनीगंज की रहने वाली हैं। स्कूल का स्टॉफ उनकी खिलाफत करता है। शिक्षामित्र स्थानीय होने के कारण बेवजह का दबाव बनाया करती हैं। इसकी शिकायत उन्होंने अप्रैल में बेसिक शिक्षाधिकारी से की थी। बीएसए के हस्तक्षेप के बाद कुछ दिनों तक मामला शांत रहा, लेकिन अब फिर साजिश की जा रही है।
प्रकरण संज्ञान में है। मामले की जानकारी होते ही खंड शिक्षाधिकारी को जांच के लिए विद्यालय भेजा गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -प्रकाश सिंह, बीएसए