इलिया। मंगल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने विनोद सिंह कोटेदार और गोदाम प्रभारी पर में मिड डे मील के राशन में धांधली करने को आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत की है।
मंगल विद्या मंदिर इंटर कालेज में कक्षा छह से आठ तक के 600 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें मिड डे मौल दिया जाता है इसका राशन गांव के कोटे से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। प्रधानाचार्य ने शिकायत में कहा है कि कोटेदार ने टक्तूबर 2021 के बाद अब तक राशन नहीं दिया।
उन्होंने बताया कि मामले से बीएसए को अवगत कराया था। इस पर बीएसए ने जिला आपूर्ति अधिकारी को पत्र लिखकर राशन उपलब्ध कराने की बात कही थी। वहाँ जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी एवं मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है। प्रधानाचार्य विनोद सिंह ने अब तक मिड डे मील के तहत 135 कुंतल राशन का गोलमाल किये जाने का आरोप लगाया है, जिसकी कीमत तीन लाख रुपये से अधिक है।
बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रधानाचार्य की शिकायत के बाद इस संबंध में जिलापूर्ति अधिकारी को पत्र लिखा गया है और मामले की जांच की जा रही है।
किसी भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी भी शिक्षक का वेतन रोके प्रदेश में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के द्वारा ताबड़तोड़ निरीक्षण किए जा रहे हैं और उसमें शिक्षकों के वेतन रोकने के लगातार आदेश जारी किए जा रहे हैं।
बीएसए के इन आदेशों के खिलाफ कुछ शिक्षक हाईकोर्ट पहुंच गए जहां पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव को तलब कर लिया हाईकोर्ट ने सचिव से कहा कि वह बीएसए की जवाबदेही तय करें। बीएसए किसी भी शिक्षक का वेतन नहीं रोक सकते हैं यह शिक्षा के अनिवार्य शिक्षा के नियम का सरासर उल्लंघन है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी जिस तरह से वेतन रोकने की संस्तुति कर रहे हैं वह नियम के विपरीत है उनके खिलाफ विभागीय अधिकारी एक्शन लें।
बीएसए नियमों का उल्लंघन न करें
कोविड-19 के दौर में प्रदेश के कई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रेंडम चेकिंग कर शिक्षकों का वेतन रोक रहे हैं एम बात यह भी है कि कुछ एबीएसए की रिपोर्ट पर बीएसए ने शिक्षकों का वेतन रोका है इस मैटर पर कुछ शिक्षक हाईकोर्ट चले गए जहां पर कोर्ट ने अनिवार्य शिक्षा की धारा 24 कानून के नियम 19 के तहत शिक्षकों का वेतन नहीं रोका जा सकता है
इस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देशित किया कि वह जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उनकी जवाबदेही तय करें और किसी भी शिक्षक का वेतन रोका जाए अगर रोका गया है तो उसे तत्काल पहुंचे निर्गत कराया जाए हॉट नहीं अभी कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा
उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव से साफ कहा कि सभी बीएसए को डायरेक्शन दे दें।