राज्यमंत्रियों की बैठक में बुधवार को सीएम योगी ने पहला सवाल किया कि ‘किस-किस को काम नहीं मिला।’ इस पर सभी राज्यमंत्रियों ने एक स्वर में जवाब दिया कि उन्हें काम मिल गया है। करीब एक घंटे तक चली बैठक में सभी राज्यमंत्री अपने कैबिनेट मंत्री और विभागीय अफसरों से संतुष्ट नजर आए।
दरअसल जून में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने विभागीय अधिकारियों से असंतोष जाहिर कर और दलित की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हलचल मच गई थी। कुछ अन्य राज्यमंत्रियों ने भी काम आवंटित न होने की शिकायत रखी थी। तब मुख्यमंत्री ने दखल देकर न केवल स्थिति को नियंत्रित किया बल्कि सभी कैबिनेट मंत्रियों को राज्यमंत्रियों को काम आवंटित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के इस दखल का असर बुधवार की बैठक में नजर आ गया।
जिलों में जाकर विभागीय कामकाज की समीक्षा करें राज्यमंत्री
राज्यमंत्री दिनेश खटीक प्रकरण के बाद बुधवार को पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यमंत्रियों की बैठक रखी। इसमें उन्होंने कहा कि राज्यमंत्री जिस तरह जिलों में जाकर दौरा कर रहे हैं, उसे लगातार जारी रखें। इससे जनता के बीच अच्छा संदेश जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यमंत्री जिलों में विभागीय कामकाज की समीक्षा करें। साथ ही निकाय चुनाव के मद्देनजर संगठनात्मक कार्यक्रम में भी शामिल हों।
मुख्यमंत्री ने राज्यमंत्रियों को अपने निजी सहायकों और सहयोगियों पर नजर रखने के निर्देश दिए। कहा कि निजी सचिव को स्पष्ट निर्देश दें कि किसी भी व्यक्ति से मोबाइल पर बात न करें। दफ्तर में कोई अनजान व्यक्ति मोबाइल लेकर प्रवेश न करे। किसी भी दूसरे मंत्री के निजी सचिव या सहयोगी से भी किसी तरह के कामकाज की बात न करें। राज्यमंत्री सोशल मीडिया का उपयोग कर अपने कामकाज का प्रचार-प्रसार करें।
अधिकारियों पर भी नजर रखें
मुख्यमंत्री योगी ने राज्यमंत्रियों से कहा कि विभागीय कामकाज को लेकर अधिकारियों पर भी नजर रखें। समय-समय पर कामकाज के लिए अधिकारियों को निर्देशित क रें। यदि फिर भी कोई अधिकारी काम न करे तो उसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को दें। जिलों के दौरे की रिपोर्ट भी सरकार को प्रस्तुत करें।