सिद्धार्थनगर । राजकीय इंटर
कॉलेज नौगढ़ के चार सौ बच्चों के हिस्से का राशन हजम कर जाने का मामला सामने आया है। कोरोना काल में विद्यालय बंद थे। उस दौरान का अनाज और कनवर्जन कास्ट बच्चों को दिया जाना था, लेकिन राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को एक साल बाद भी राशन नहीं मिला है। 81 बोरी गेहूं-चावल कोटे की दुकान से विद्यालय तक नहीं पहुंचा है।
जानकारों का कहना है कि जांच हो, तो इस तरह के अन्य मामले भी सामने आ सकते हैं, क्योंकि विभाग ने कोरोना काल के अनाज वितरण पूर्ण होने की सूची नहीं मांगी है। नियम के अनुसार, सीनियर मार्केटिंग इंस्पेक्टर और संबंधित कोटेदार को विद्यालयों को अनाज उपलब्ध कराना चाहिए।
राजकीय इंटर कॉलेज में वर्ष 2021 में करीब 400 विद्यार्थी अध्ययनरत थे। कोरोना के चलते पहली बार एक अप्रैल से 23 अगस्त तक स्कूल बंद थे। उसके बाद कोरोना की दूसरी लहर में अक्तूबर, नवंबर दिसंबर और वर्ष 2022 में तीसरी लहर में एक माह स्कूल बंद रहा।
विद्यालय प्रबंधन के अनुसार, कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर का 54 बोरी चावल और 27 बोरी गेहूं नहीं मिल पाया है। एक बच्चे को एक सत्र में 150 ग्राम अनाज और कनवर्जन कास्ट दिया जाना है। विद्यालय के शिक्षकों की भागदौड़ के बावजूद अनाज नहीं मिला।
विद्यालय के प्रधानाचार्य रामनवल सिंह ने बताया कि कोरोना काल के दूसरी व तीसरी लहर के दौरान हुई बंदी का अनाज नहीं मिला है। इस कारण बच्चों में अनाज का वितरण नहीं हो पाया है। अनाज प्राप्त होने के बाद बच्चों में वितरित किया जाएगा।
1500 टन का भी नहीं मिला हिसाब
अगस्त में जारी बेसिक शिक्षा विभाग एमडीएम सेल की रिपोर्ट के अनुसार, 1500 टन अनाज का हिसाब नहीं है। विभाग ने नवंबर 2010 से रिपोर्ट तैयार की, तो कई विद्यालयों में 100 क्विंटल से अधिक अनाज होने की बात सामने आई, लेकिन विद्यालय का स्टॉक खाली था। इस रिपोर्ट के अनुसार, 400 से अधिक विद्यालयों में एमडीएम के चूल्हे बुझने की नौबत आई, तो विभाग ने तीन साल की रिपोर्ट तैयार की जांच नहीं होने के कारण यह पता नहीं चल सका कि अनाज मिलान में जो अंतर आया है, उस राशन को आखिर कौन हजम कर गया?
राजकीय इंटर कॉलेज नौगढ़ के बच्चों को कोरोना काल के दौरान स्कूल बंदी का अनाज नहीं मिलने की जानकारी नहीं मिली है। इस संबंध में विद्यालय की ओर से शिकायत नहीं आई है। मामले की जांच कराकर जल्द ही विद्यालय में अनाज भेजा जाएगा। -अजय प्रताप सिंह, डिप्टी आरएमओ