रामपुर। : रामपुर में सरकारी स्कूल की महिला शिक्षक का अमानवीय चेहरा सामने आया है। उन्होंने एक सात साल की छात्रा को बस इसलिए बेरहमी से पीट दिया क्योंकि उसने स्टाफ का टॉयलेट प्रयोग कर लिया था। शिकायत के बाद भी मामले को शिक्षा विभाग के अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे। जबकि पुलिस के अधिकारी मामले को आपसी विवाद बताकर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
स्कूल में सात साल की बच्ची को पीटने का यह मामला मुरादाबाद के भोट क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल का है। स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए अलग से शौचालय बना है। स्कूल स्टाफ का शौचालय अलग है। 27 सितंबर को बच्चों का शौचालय गंदा होने के कारण एक छात्रा स्टाफ के टॉयलेट में चली गई।
छात्रा को स्टाफ के शौचालय में जाता देख महिला शिक्षक का पारा हाई हो गया। उन्होंने बेरहमी से छात्रा की पिटाई कर दी। साथ ही स्कूल के बीच में ही उसे घर भेज दिया। छात्रा के पिता ने महिला शिक्षक पर कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया है।पीटने के बाद छात्रा को घर भेजा
भोट के पजावा गांव निवासी इंतजार मिंया ने पुलिस अधीक्षक को भेजे पत्र में कहा है कि उनकी सात वर्षीय बेटी गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती है। 27 सितंबर को उसकी पुत्री छात्र-छात्राओं के लिए बने शौचालय के गंदा होने के कारण शिक्षकों के लिए बने शौचालय में चली गई। इस पर महिला शिक्षक ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। इसके साथ ही अन्य छात्राओं के साथ उसकी बेटी को घर भिजवा दिया।
शिक्षक और प्रधान ने परिवार वालों से की अभद्रता
बेटी के लगातार रोने पर उसने देखा तो उसके कंधे व कमर पर चोट नीले निशान थे। चोट के निशान देखकर उसने पत्नी के साथ स्कूल में जाकर मामले की जानकारी ली तो स्कूल में मौजूद महिला शिक्षक के साथ ही एक अन्य शिक्षक और ग्राम प्रधान के भाई ने उनके साथ अभद्रता की। साथ ही स्कूल से भगा दिया। छात्रा के पिता ने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।