सुल्तानपुर यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा और स्टेशनरी के लिए डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में पैसा भेजने के काम में लापरवाही बरतने वाले 20 प्रधानाध्यापकों का वेतन बीएसए ने रोक दिया है।
डीबीटी के जरिए हर छात्र के अभिभावक के खाते में 1200 1200 रुपये भेजे जा रहे हैं।
अभी भी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के अभिभावक के खाते में धनराशि नहीं भेजी गई है। शासन की ओर से होने वाली समोक्षा में डीबीटी से संबंधित कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने पर उच्चाधिकारियों ने नाराजगी जताई थी। साथ ही संबंधित अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई करने
का निर्देश दिया था।
बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने 20 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया है। जिन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया उनमें कंपोजिट विद्यालय पेमापुर, करमोली, विसावा पूरे जिल्ला, शुकुल उमरी, अनपुर, कटाव द्वितीय, लोहरामऊ, पहाड़पुर कलां, बागरकला, करपी रामपुर और रमैयापुर शामिल है। इसके साथ ही प्राथमिक विद्यालय चंदौर, मकरी ब्राहिमपुर, कोटवा गजेंद्रपुर, गोसाईंगंज द्वितीय, बहली और रामपुर के भी हेडमास्टरों का वेतन रोका गया है।