प्रदेश में अब निजी विश्वविद्यालय, विद्यालय या मान्यता प्राप्त संस्थान अपने पास के सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों को गोद लेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ट्विवनिंग के सिद्धांत का पालन करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत 5 से 8 किमी के दायरे में स्थित सरकारी प्राइमरी या जूनियर स्कूलों के साथ ट्यूनिंग की जाएगी।
इस योजना के तहत दोनों संस्थानों के प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक और शिक्षक विचार विमर्श कर रणनीति तय करेंगे और ट्यूनिंग (युग्मन) करेंगे और पीयर या ग्रुप लर्निंग के लिए वातावरण तैयार करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इससे एक लर्निंग हब बनेगा जिसके माध्यम से दानों संस्थाओं के संसाधनों तक सभी विद्यार्थियों की पहुंच बन पाएगी।
पेयरिंग करने बाद इसकी मैपिंग विद्यांजलि पोर्टल पर की जाएगी। इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। इस योजना के तहत निजी विवि, उच्च शिक्षण संस्थानों या फिर निजी संस्थानों द्वारा सरकारी स्कूलों को सहयोगात्मक पर्यवेक्षण, टीएलएम का सृजन, ग्रेड अनुरूप वीडियो का निर्माण, विज्ञान से संबंधित प्रोजेक्ट, किताबें, स्मार्ट क्लासेस, एक्सपोजर विजिट के लिए संसाधन आदि में सहयोग करना होगा।
📌परिषदीय विद्यालयों को निकट के निजी/मान्यता प्राप्त विद्यालयों द्वारा लिया जाएगा गोद, NEP – 2020 के अंतर्गत विद्यालयों के
बेहतर संसाधन दूसरे के साथ साझा करेंगे
ये साझेदारी एक तरह से दो संस्थानों के बीच मेंटरशिप कार्यक्रम की तरह होगी और जिस संस्थान के पास बेहतर संसाधन होंगे। वह दूसरे के साथ साझा करेगा। इसमें पुस्तकालय, खेल का मैदान, आईटी संसाधन, टीएलएम, सांस्कृति व खेल की गतिविधियों के संयुक्त भ्रमण या आयोजन किया जाएगा। परिषदीय स्कूल निजी या एडेड स्कूल, कॉलेज या विवि से शिक्षण संबंधी सहयोग ले सकेंगे। दोनों स्कूलों या संस्थानों के विद्यार्थी व शिक्षक महीने में एक बार मिलेंगे और विद्यालय के भ्रमण में दो घंटे का ठहराव अनिवार्य होगा।