नईदिल्ली। स्कूल प्रबंधन फीस देने में देरी पर छात्रों से रोज पांच पैसे से अधिक विलंब शुल्क नहीं वसूल सकते। वह भी तब जब अंतिम तिथि बीतने के 10 दिन बाद भी भुगतान न किया गया हो। हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार ने स्कूल प्रबंधन से दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम के नियम 166 का पालन करने का आदेश दिया है। इसी अधिनियम में यह प्रावधान है।
वसूल किए गए शुल्क एक सप्ताह में वापस करने होंगे इतना ही नहीं, उप शिक्षा निदेशक दफ्तर ने स्कूल प्रबंधन को अभिभावक से विलंब शुल्क के नाम पर वसूले गए अधिक रकम को वापस करने का भी आदेश दिया है। इसके लिए स्कूल को एक सप्ताह का समय दिया गया है। हाईकोर्ट ने अप्रैल 2022 के अंतिम सप्ताह में स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस भरने में देरी पर 50 से 100 रुपये तक विलंब शुल्क वसूलने के खिलाफ दाखिल याचिका पर विचार करते हुए सरकार को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
क्या कहता है कानून दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 के नियम 166 के तहत यदि कोई छात्र फीस भरने में तय तिथि से 10 दिन की देरी करता है, तो स्कूल प्रबंधन पांच पैसे प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क वसूल सकता है। यदि छात्र भुगतान की अंतिम तारीख के 10 दिन के भीतर फीस जमा करा देता है तो स्कूल विलंब शुल्क नहीं वसूल सकता।