झांसी। पूर्व बीएसए वेदराम के खिलाफ खेल किट घोटाले की चल रही जांच में कई तथ्य सामने आए हैं। जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि पूर्व बीएसए ने सांठगांठ करके स्कूलों से खेल किट के नाम पर जारी रकम एक निजी खाते में जमा करा दी। बाद में यह पूरी रकम निकाल ली गई। इसी तरह कई स्कूलों के बैंक खाते में पैसा जमा कर देने के बावजूद भी उन तक खेल किट नहीं पहुंची। इन विद्यालयों ने भी पूर्व बीएसए के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं।
गत सत्र में परिषदीय स्कूलों में खेल किट खरीद का आदेश परिषद द्वारा जारी किया गया था। जिसमें प्राथमिक विद्यालय में खेल किट खरीद के लिए 5000 रुपये की धनराशि और उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय में खेल किट के लिए 10,000 रुपये की धनराशि भेजी गई थी। गरौठा विधायक जवाहर सिंह राजपूत की शिकायत पर खेल किट घोटाले की जांच शुरू हुई है। पूर्व बीएसए वेदराम पर आरोप हैं कि उन्होंने बदायूं की फर्जी फर्म से खेल किट खरीदने के लिए शिक्षकों पर दबाव बनवाया था। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि खेल किट की खरीद के लिए धनराशि तो हस्तांतरित की थी, लेकिन कई स्कूल तक खेल किट पहुंचाई भी नहीं गई है।
जिन स्कूलों में खेल किट पहुंची है वह भी उस सूची के अनुसार नहीं है जो कि परिषद द्वारा जारी की गई थी। जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि खेल किट की खरीद की धनराशि फर्म के नाम वाले बैंक खाते में हस्तांतरित न करवा कर निजी बैंक खाते में हस्तांतरित कराई गई थी। इसके अलावा इस मामले में एक खंड शिक्षा अधिकारी और एक लिपिक की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। अपर जिलाधिकारी न्यायिक श्यामलता आनंद के मुताबिक मामले की पड़ताल की जा रही है, सभी पक्षों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी।