लखनऊ, काबू में नहीं आ रहे डेंगू ने शहर में 11 दिन के अंदर दूसरी जान ले ली। सरोजनीनगर के माती जूनियर स्कूल की खेल शिक्षिका रीमा वर्मा (47) ने शनिवार रात पीजीआई में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इससे पहले 19 अक्तूबर को आलमबाग निवासी निजी कम्पनी के मैनेजर की डेंगू से मौत हो चुकी है।
सहयोगी शिक्षिकाओं के मुताबिक रीमा रायबरेली रोड स्थित एल्डिको-दो में दो बेटे और पति के साथ रहती थी। वह करीब 12 साल से बिजनौर के माती स्थित जूनियर स्कूल में खेल शिक्षिका थी। उन्हें एक हफ्ते से बुखार आ रहा था। रायबरेली रोड स्थित निजी अस्पताल में डेंगू की पुष्टि हुई थी। तबीयत बिगड़ी तो सरकारी संस्थानों में बेड न मिलने पर पति ने निरालानगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। दो दिन पहले हालत ज्यादा नाजुक होने पर पीजीआई में भर्ती कराया। शनिवार की रात दम तोड़ दिया।
रीमा की मौत की सूचना से घर में कोहराम मच गया। बेटे, घर के अन्य सदस्यों को रो-रो कर बुरा हाल है। रीमा का बड़ा बेटा बीटेक किया है। छोटा बेटा भी पढ़ रहा है। जानकारी पर सहयोगी शिक्षक और शिक्षिकाओं ने उनके घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाते हुए नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। भारतीय नागरिक परिषद की महामंत्री रीना त्रिपाठी ने बताया कि रीमा नशा मुक्ति अभियान के जरिए बच्चों को नशा मुक्त भारत बनाने का संकल्प दिलाने काम करती थी। वह नशा मुक्त अभियान के हर कार्यक्रम में सक्रियता से प्रतिभाग करती थी।
13 मकान मालिकों को नोटिस लखनऊ में रविवार डेंगू के 24 के नए मरीज मिले। अलग-अलग अस्पतालों में 100 से अधिक डेंगू मरीज भर्ती हैं। मलेरिया विभाग की ओर से 2133 घरों आस-पास सर्वेक्षण कर 13 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर मालिकों को नोटिस जारी किया गया।